Text Practice Mode
CPCT EXAM PAPER 23 SEPTEMBER 2025 HINDI SHIFT 2 FOR STUDY CPCT GO TO KHARE SIR CLASSES ON YOUTUBE https://www.youtube.com/@kharesirclasses
created Today, 04:42 by PrabalSirchhatarpur
0
559 words
26 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
saving score / loading statistics ...
00:00
हजारों साल पहले के ग्रंथों में से ज्ञात हुआ है कि भगवान ने हमसे पहले संसार की रचना की होगी और फिर इसे बनाया होगा अगर यह
बात सच है तो इसका मतलब हमारा सौरमंडल अपने आप वजूद में नहीं आ सकता था। इसलिये इसे किसी मकसद के साथ बनाया गया
होगा। धरती पर जीवन को मुमकिन बनाने के लिए जो जो किया गया होगा उन सबकी कुछ ना कुछ इतिहास में प्रमाणिकता रखी गयी
होगी और वह प्रमाणिकता हजारों साल पुरानी होगी। उसमें से एक प्रमाण बाइबल का भी है। उसके मुताबिक एक समय ऐसा था जब
हमारी धरती बेडौल और सुनसान थी उसमें ना कोई महादवीप था ना कोई जमीन। परंतु इस ग्रह में अगर जीवन के लिए जरूरी है तो वह
है पानी। जो की इस ग्रह में था इस प्रकार हमारा सौरमंडल कई वजह से पूरी दुनिया में अनोखा है हमारी आकाशगंगा कुंडली की है और
इसी संरचना की दो भुजाओं के बीच जहां बहुत कम तारे हैं उसमे हमारा सौरमंडल पाया जाता है। सौरमंडल एक ऐसा मंडल है जो कि
ग्रेविटी बल के कारण एक दूसरे छोटे तारों या कुछ बाकी ग्रहों के इधर उधर परिक्रमा करते हैं और सौरमंडल में सूरज और उसमें कुछ
खगोलीय पिंड शामिल होते है उसके अंदर बाकी तारे ग्रह है। उपग्रह और खगोलीय दूरी और हमारा सूरज यह सब चीजें मिलकर हमारे
सौरमंडल का रचना करती है। और इसके अलावा सौरमंडल और भी बाकी पिंडो से मिलकर बना होता है। सबसे पहले निकोलस
कोपरनिकस ने खोजा कि सूरज दुनिया का सेंटर है और गणितीय अनुमान लगाने से हेलिओसेनिक प्रणाली को डेवलप करने वाले पहले
गै गै औ है सौ
सू दु नु
इंसान में गैलीलियो गैलीली और जान केपलर ने पता लगाया कि ग्रह सूरज के चारों ओर घूमते है। सौर प्रणाली अक्षर पहली बार अंग्रेजी में
प्रकाशित किया। गैलीलियो गैलीली की खोज से ही हजेंस ने सेंटर के चांद टाइटन और शनि के चारों ओर छलले की खोज की। जियोवानी
डोमिनिको कैसीनी ने शनि के चार और उपग्रह की खोज की और बायनरी तारे की तलाश में थे जब उसने नया धूमकेतु देखा था। इसकी
कक्ष से पता चला कि यह एक नया ग्रह यूरेनस था। इस प्रकार सौरमंडल में अनगिनत तारे और ग्रह है। इसकी खोज कई वैज्ञानिकों ने की
और सफल भी रहे और नई नई खोजो में आज भी तैयार है। हमारे सौरमंडल में ग्रहों की गिनती है और इन ग्रहों को दो दो भागों में बांटा
गया है। पहला आंतरिक ग्रह और दूसरा बाहरी ग्रह। उनकी गिनती हजारों लाखों में है। धूमकेतु को पूछल तारा भी कहते है। इसका
कारण इसके पीछे एक छोटी सी चमकदार पूछ होती है और धूमकेतु रोडी और आइस और गैस से बने होते हैं जो सूरज की परिक्रमा
करते हैं। हमारी आकाश गंगा में अनगिनत तारे मौजूद है इनमें से एक सूरज भी है। हमारा सौरमंडल बहुत ही विशाल है। यहां अनगिनत
तारे और ग्रह हैं इसे पूरी तरह से जानना या खोजना अभी संभव नहीं हो पाया है। सालों से पूरी दुनिया के खगोल वैज्ञानिक सौरमंडल के
राज को उजागर करने में कठिन परिश्रम कर रहे हैं तथा दिन प्रतिदिन नए नए खगोलीय पहलुओं को हल कर हमारे सौरमंडल के बारे में
नित नई जानकारी हमें दिलाते हैं आने वाले दिनों में हमें इस सौरमंडल के बारे में कई जरूरी और रोचक जानकारियां एवं खोज के बारे में
सूचना मिलेगी हम यहीं आशा करते है।
बात सच है तो इसका मतलब हमारा सौरमंडल अपने आप वजूद में नहीं आ सकता था। इसलिये इसे किसी मकसद के साथ बनाया गया
होगा। धरती पर जीवन को मुमकिन बनाने के लिए जो जो किया गया होगा उन सबकी कुछ ना कुछ इतिहास में प्रमाणिकता रखी गयी
होगी और वह प्रमाणिकता हजारों साल पुरानी होगी। उसमें से एक प्रमाण बाइबल का भी है। उसके मुताबिक एक समय ऐसा था जब
हमारी धरती बेडौल और सुनसान थी उसमें ना कोई महादवीप था ना कोई जमीन। परंतु इस ग्रह में अगर जीवन के लिए जरूरी है तो वह
है पानी। जो की इस ग्रह में था इस प्रकार हमारा सौरमंडल कई वजह से पूरी दुनिया में अनोखा है हमारी आकाशगंगा कुंडली की है और
इसी संरचना की दो भुजाओं के बीच जहां बहुत कम तारे हैं उसमे हमारा सौरमंडल पाया जाता है। सौरमंडल एक ऐसा मंडल है जो कि
ग्रेविटी बल के कारण एक दूसरे छोटे तारों या कुछ बाकी ग्रहों के इधर उधर परिक्रमा करते हैं और सौरमंडल में सूरज और उसमें कुछ
खगोलीय पिंड शामिल होते है उसके अंदर बाकी तारे ग्रह है। उपग्रह और खगोलीय दूरी और हमारा सूरज यह सब चीजें मिलकर हमारे
सौरमंडल का रचना करती है। और इसके अलावा सौरमंडल और भी बाकी पिंडो से मिलकर बना होता है। सबसे पहले निकोलस
कोपरनिकस ने खोजा कि सूरज दुनिया का सेंटर है और गणितीय अनुमान लगाने से हेलिओसेनिक प्रणाली को डेवलप करने वाले पहले
गै गै औ है सौ
सू दु नु
इंसान में गैलीलियो गैलीली और जान केपलर ने पता लगाया कि ग्रह सूरज के चारों ओर घूमते है। सौर प्रणाली अक्षर पहली बार अंग्रेजी में
प्रकाशित किया। गैलीलियो गैलीली की खोज से ही हजेंस ने सेंटर के चांद टाइटन और शनि के चारों ओर छलले की खोज की। जियोवानी
डोमिनिको कैसीनी ने शनि के चार और उपग्रह की खोज की और बायनरी तारे की तलाश में थे जब उसने नया धूमकेतु देखा था। इसकी
कक्ष से पता चला कि यह एक नया ग्रह यूरेनस था। इस प्रकार सौरमंडल में अनगिनत तारे और ग्रह है। इसकी खोज कई वैज्ञानिकों ने की
और सफल भी रहे और नई नई खोजो में आज भी तैयार है। हमारे सौरमंडल में ग्रहों की गिनती है और इन ग्रहों को दो दो भागों में बांटा
गया है। पहला आंतरिक ग्रह और दूसरा बाहरी ग्रह। उनकी गिनती हजारों लाखों में है। धूमकेतु को पूछल तारा भी कहते है। इसका
कारण इसके पीछे एक छोटी सी चमकदार पूछ होती है और धूमकेतु रोडी और आइस और गैस से बने होते हैं जो सूरज की परिक्रमा
करते हैं। हमारी आकाश गंगा में अनगिनत तारे मौजूद है इनमें से एक सूरज भी है। हमारा सौरमंडल बहुत ही विशाल है। यहां अनगिनत
तारे और ग्रह हैं इसे पूरी तरह से जानना या खोजना अभी संभव नहीं हो पाया है। सालों से पूरी दुनिया के खगोल वैज्ञानिक सौरमंडल के
राज को उजागर करने में कठिन परिश्रम कर रहे हैं तथा दिन प्रतिदिन नए नए खगोलीय पहलुओं को हल कर हमारे सौरमंडल के बारे में
नित नई जानकारी हमें दिलाते हैं आने वाले दिनों में हमें इस सौरमंडल के बारे में कई जरूरी और रोचक जानकारियां एवं खोज के बारे में
सूचना मिलेगी हम यहीं आशा करते है।
saving score / loading statistics ...