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CPCT EXAM PAPER 21 NOVEMBER 2025 HINDI SHIFT 2
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किताबें ज्ञान का भंडार होती हैं। इनमें हर तरह का ज्ञान भरा होता है। ये मानव की सबसे बेहतरीन मित्र होती हैं। किताबें इंसान को सही पथ दिखने का काम करती हैं और उसे गलत राह पर चलने से सदैव रोकती हैं। कोई भी किताब किसी इंसान या
ज्ञानी आदमी के ज्ञान व अनुभवो का विवेचन होती हैं। कम समय में अधिक से अधिक जानकारी व ज्ञान पाने का किताब ही बेहतरीन जरिया हैं। किताबें इंसान की समझ को बहुत विकसित बनाती हैं। जीवन में जितनी भी किताबें पढ ली जाये उतनी
कम हैं। दुनियाभर की भाषाओं में इंसान के जीवन को बेहतरीन बनाने वाले न जाने कितने ही तरीके हैं जो की किताबों में उकेरे गये हैं। जनसाधारण तक ज्ञान के भंडार को किताबों के जरिये सुगमता से पहुंचाने के लिए ही किताब मेलों का आयोजन
किया जाता हैं। लोगों की किताबों से निकटता बढाने के लिए व उनमें पठन की अभिरुचि पैदा करने के लिए किताबों और पाठकों के बीच दूरी कम करना बहुत जरुरी हैं। इसके अलावा किताबें छपकर यदि दुकानों तक सीमित रह जाती हैं या फिर यदि
वे केवल किसी जगह की शोभा मात्र बनी रहती हैं तो आम आदमी उनसे अनभिज्ञ ही रह जाता है। ऐसे में किताबों का प्रचार प्रसार करना जरूरी हो जाता है। इस मकसद को पूरा करने में भी किताब मेले विशेष भूमिका निभाते हैं। अब ऐसे मेलों की
लोकप्रियता बढती जा रही है। किताब मेलों के विषय पर लोगो की दो तरह की राय हैं। पहली राय यह कि ये मेले दिखावा बनकर रह जाते हैं। पाठक इन तक पहुंच ही नही पाता हैं। ये मेले सही मकसद को पूरा करने में सफल नहीं हो पाते हैं। इसके
विपरीत दूसरी राय यह है कि किताब मेले बहुत उपयोगी होते हैं। जनसाधारण तक किताबें पहुचाने और किताबों के विज्ञापन व प्रकाशकों की बिक्री बढाने का ये बेहतरीन तरीका हैं। मेरे विचार से किताब मेलों का आयोजन बहुत उपयोगी होता है। कई
बार ऐसा होता है कि एक किताब को खोजने के लिए हमें बाज़ार की कई दुकानों पर घूमना पडता है। न मिलने पर किसी दूसरे बाज़ार में भी घूमना पडता है। किताब मेलों में एक ही कोशिश में सभी प्रकाशकों व लेखकों और मशहूर विचारकों की
किताबे मिल जाती हैं। किताब मेलों में किसी एक देश के ही नहीं कई बाकी देशों के प्रकाशक भी अपनी दुकान लगाते हैं। इसी वजह से वहां सभी किताबें आसानी से मिल जाती हैं। इतना ही नहीं ग्राहकों को लुभाने और अपनी बिक्री बढाने के लिए वे
विशेष छूट भी देते हैं। ऐसे में पाठकों और क्रेताओं को दोहरा लाभ होता है। किताब मेलों का आयोजन और भी उपयोगी एवं लोकप्रिय हो सकता है अगर किताब मेलों को शहर में अनेक जगहों पर आयोजित किया जाए तथा इनके आयोजन से पहले
बेहतर संचार से विधिवत लोगों को इसके विषय में सही जानकारी दी जाए। किताबों को कम से कम कीमतों पर बेचा जाए लेकिन इससे प्रकाशकों को घाटा भी न हो और पाठकों को लाभ भी मिल जाए। किताब मेलों की उपयोगिता बिना संदेह बहुत
अधिक है। गरीब छात्रों और पाठकों के लिए इनकी उपयोगिता और भी गंभीर एवं विशाल बन जाती है। ज्ञान का आलोक फैलाने के लिए ऐसे मेलों का आयोजन किया जाना बहुत ही जरुरी है। प्रगति मैदान में हर साल एक विशाल किताब मेले का
आयोजन किया जाता है।
ज्ञानी आदमी के ज्ञान व अनुभवो का विवेचन होती हैं। कम समय में अधिक से अधिक जानकारी व ज्ञान पाने का किताब ही बेहतरीन जरिया हैं। किताबें इंसान की समझ को बहुत विकसित बनाती हैं। जीवन में जितनी भी किताबें पढ ली जाये उतनी
कम हैं। दुनियाभर की भाषाओं में इंसान के जीवन को बेहतरीन बनाने वाले न जाने कितने ही तरीके हैं जो की किताबों में उकेरे गये हैं। जनसाधारण तक ज्ञान के भंडार को किताबों के जरिये सुगमता से पहुंचाने के लिए ही किताब मेलों का आयोजन
किया जाता हैं। लोगों की किताबों से निकटता बढाने के लिए व उनमें पठन की अभिरुचि पैदा करने के लिए किताबों और पाठकों के बीच दूरी कम करना बहुत जरुरी हैं। इसके अलावा किताबें छपकर यदि दुकानों तक सीमित रह जाती हैं या फिर यदि
वे केवल किसी जगह की शोभा मात्र बनी रहती हैं तो आम आदमी उनसे अनभिज्ञ ही रह जाता है। ऐसे में किताबों का प्रचार प्रसार करना जरूरी हो जाता है। इस मकसद को पूरा करने में भी किताब मेले विशेष भूमिका निभाते हैं। अब ऐसे मेलों की
लोकप्रियता बढती जा रही है। किताब मेलों के विषय पर लोगो की दो तरह की राय हैं। पहली राय यह कि ये मेले दिखावा बनकर रह जाते हैं। पाठक इन तक पहुंच ही नही पाता हैं। ये मेले सही मकसद को पूरा करने में सफल नहीं हो पाते हैं। इसके
विपरीत दूसरी राय यह है कि किताब मेले बहुत उपयोगी होते हैं। जनसाधारण तक किताबें पहुचाने और किताबों के विज्ञापन व प्रकाशकों की बिक्री बढाने का ये बेहतरीन तरीका हैं। मेरे विचार से किताब मेलों का आयोजन बहुत उपयोगी होता है। कई
बार ऐसा होता है कि एक किताब को खोजने के लिए हमें बाज़ार की कई दुकानों पर घूमना पडता है। न मिलने पर किसी दूसरे बाज़ार में भी घूमना पडता है। किताब मेलों में एक ही कोशिश में सभी प्रकाशकों व लेखकों और मशहूर विचारकों की
किताबे मिल जाती हैं। किताब मेलों में किसी एक देश के ही नहीं कई बाकी देशों के प्रकाशक भी अपनी दुकान लगाते हैं। इसी वजह से वहां सभी किताबें आसानी से मिल जाती हैं। इतना ही नहीं ग्राहकों को लुभाने और अपनी बिक्री बढाने के लिए वे
विशेष छूट भी देते हैं। ऐसे में पाठकों और क्रेताओं को दोहरा लाभ होता है। किताब मेलों का आयोजन और भी उपयोगी एवं लोकप्रिय हो सकता है अगर किताब मेलों को शहर में अनेक जगहों पर आयोजित किया जाए तथा इनके आयोजन से पहले
बेहतर संचार से विधिवत लोगों को इसके विषय में सही जानकारी दी जाए। किताबों को कम से कम कीमतों पर बेचा जाए लेकिन इससे प्रकाशकों को घाटा भी न हो और पाठकों को लाभ भी मिल जाए। किताब मेलों की उपयोगिता बिना संदेह बहुत
अधिक है। गरीब छात्रों और पाठकों के लिए इनकी उपयोगिता और भी गंभीर एवं विशाल बन जाती है। ज्ञान का आलोक फैलाने के लिए ऐसे मेलों का आयोजन किया जाना बहुत ही जरुरी है। प्रगति मैदान में हर साल एक विशाल किताब मेले का
आयोजन किया जाता है।
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