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Practice 4
created Wednesday November 26, 10:22 by vshiv
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मानवता का यह भारत जो कि विश्व शांति व मानव जाति कल्याण के लिये जो काम किया। वह सराहनीय रहा है। क्यों रे लज्जा नहीं हो रही है। वैसे जो काम हूसेन ने किया वह तारीफ काविल नही हो सकता। नन्हीं को कैसे विश्वास कराये कि लोहा लेते समय कभी नही सोते समय का विचार करके ही वह काय करते है। जो समय का विचार कर कार्य करते है वह क्या नहीं कर लेते है हंसते हंसते खेलते खेलते, सोते समय यहां तक कि वार वार जोकर का कार्य करते है वे चूकतें नही है मामी का कान स्वंय करना द्वापर पर से जाकर करना सही को सभी तरह से खुश करना कितना सही होता है, रुप कि लाली का सभी प्रकार से सहज व सही होती है। सभल होने के हित में सही कार्य करो व्यायाम शक्ति का व मुक्ति को व्युत्पन्न करता है। खरसापुर, विल्लारी, कलकत्ता व चैन्नय जाना सच्ची संकल्पना हो सकती है। विल्लारी, व पुल्लाय से होकर जाना ही सही है।
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