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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ मध्यप्रदेश स्थापना दिवस ✤|•༻
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मध्यप्रदेश स्थापना दिवस हर वर्ष 1 नवम्बर को बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन उस गौरवशाली क्षण की याद दिलाता है जब वर्ष 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश का गठन हुआ था। इस दिन जबलपुर को अस्थायी राजधानी बनाया गया था, परंतु बाद में भोपाल को स्थायी राजधानी घोषित किया गया। मध्यप्रदेश का अर्थ है देश के मध्य में स्थित प्रदेश और भौगोलिक दृष्टि से यह भारत के हृदय में स्थित है, इसलिए इसे 'भारत का हृदय' भी कहा जाता है। स्थापना के समय मध्यप्रदेश का गठन कई रियासतों और खेत्रों को मिलाकर किया गया था, जिनमें मध्यभारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य प्रमुख थे। वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ को अलग राज्य का दर्जा दिया गया, तब वर्तमान सीमाओं वाला मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया।
मध्यप्रदेश अपनी संस्कृति, इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य और विविधता के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां प्राचीन काल से ही महान सभ्यताओं और राजवंशों का वास रहा है। उज्जैन, सांची, खजुराहों, माण्डू, भीमबेटका और ओरछा जैसे ऐतिहासिक स्थलों ने न केवल भारत बल्कि विश्व पटल पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सांची के स्तूप, खजुराहो के मंदिर और भीमबेटका की गुफाएं यूनेस्कों विश्व धरोहर स्थल के रूप में दर्ज हैं, जो राज्य की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
मध्यप्रदेश की भूमि संतों और महापुरूषों की भी रही है यहां जन्म लेने वाले और कर्मभूमि बनाने वाले अनेक संतों, कवियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़े हैं। कवि तुलसीदास, संगीत सम्राट तानसेन, रानी लक्ष्मीबाई, टंट्या भील, रानी दुर्गावती जैसे महान व्यक्तित्वों ने इस प्रदेश को गौरवान्वित किया है। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यत: कृषि पर आधारित है, और इसे भारत का अन्न भंडार भी कहा जाता है। गेहूं, सोयाबीन, चना, कपास और दालों का यहां व्यापक उत्पादन होता है। साथ ही, औद्योगिक क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने तेजी से प्रगति की है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम, उज्जैन और सागर जैसे शहर शिक्षा, उद्योग, व्यापार और संस्कृति के प्रमुख केंद्र हैं। विशेष रूप से इंदौर लगातार कई वर्षों से भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित होकर राज्य की प्रतिष्ठा को बढ़ा रहा है।
प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश अद्वितीय है। यहां के राष्ट्रीय उद्यान जैसे कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना अपनी समृद्ध जैव विविधता और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध हैं। यह प्रदेश न केवल 'टाइगर स्टेट' के रूप में जाना जाता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म के क्षेत्र में भी अग्रणी है।
संक्षेप में कहा जाए तो मध्यप्रदेश स्थापना दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान, गर्व और एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें यह प्रेरणा देता है कि हम अपने राज्य के विकास में योगदान दें और उसकी समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाएं, मध्यप्रदेश अपने एतिहासिक गौरव, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक संपदा के कारण वास्तव में भारत के हृदय के रूप में देश का गौरव है।
मध्यप्रदेश अपनी संस्कृति, इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य और विविधता के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां प्राचीन काल से ही महान सभ्यताओं और राजवंशों का वास रहा है। उज्जैन, सांची, खजुराहों, माण्डू, भीमबेटका और ओरछा जैसे ऐतिहासिक स्थलों ने न केवल भारत बल्कि विश्व पटल पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सांची के स्तूप, खजुराहो के मंदिर और भीमबेटका की गुफाएं यूनेस्कों विश्व धरोहर स्थल के रूप में दर्ज हैं, जो राज्य की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
मध्यप्रदेश की भूमि संतों और महापुरूषों की भी रही है यहां जन्म लेने वाले और कर्मभूमि बनाने वाले अनेक संतों, कवियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देश के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़े हैं। कवि तुलसीदास, संगीत सम्राट तानसेन, रानी लक्ष्मीबाई, टंट्या भील, रानी दुर्गावती जैसे महान व्यक्तित्वों ने इस प्रदेश को गौरवान्वित किया है। राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यत: कृषि पर आधारित है, और इसे भारत का अन्न भंडार भी कहा जाता है। गेहूं, सोयाबीन, चना, कपास और दालों का यहां व्यापक उत्पादन होता है। साथ ही, औद्योगिक क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने तेजी से प्रगति की है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम, उज्जैन और सागर जैसे शहर शिक्षा, उद्योग, व्यापार और संस्कृति के प्रमुख केंद्र हैं। विशेष रूप से इंदौर लगातार कई वर्षों से भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित होकर राज्य की प्रतिष्ठा को बढ़ा रहा है।
प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश अद्वितीय है। यहां के राष्ट्रीय उद्यान जैसे कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना अपनी समृद्ध जैव विविधता और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध हैं। यह प्रदेश न केवल 'टाइगर स्टेट' के रूप में जाना जाता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म के क्षेत्र में भी अग्रणी है।
संक्षेप में कहा जाए तो मध्यप्रदेश स्थापना दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान, गर्व और एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें यह प्रेरणा देता है कि हम अपने राज्य के विकास में योगदान दें और उसकी समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाएं, मध्यप्रदेश अपने एतिहासिक गौरव, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक संपदा के कारण वास्तव में भारत के हृदय के रूप में देश का गौरव है।
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