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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Aug 31st, 11:40 by lovelesh shrivatri
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गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। ये त्यौहार भाद्रपद मास की चतुर्थी के दिन शुरू होता है। इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। तब से हिन्दू धर्म के लोग गणेश के जन्मदिन को हर साल गणेश चतुर्थी पर्व के रूप में मनाते है। भगवान गणेश सभी को प्रिय है खासतौर से बच्चों को। ये ज्ञान और समृद्धि के देवता है और बच्चों में ये दोस्त गणेश के नाम से प्रसिद्ध है। यह त्योहर देश के विभिन्न् राज्यों में मनाया जाता है। लेकिन महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला यह सबसे बड़ा त्यौहार है।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणेश जी की मूर्ति को ढोल-बाजों के साथ घर लेकर आते है। ऐसा कहा जाता है कि बप्पा जब घर आते है तो सुख समृद्धि के साथ लेकर आते है। इसलिए लोग गणेश जी की पूजा पूरी श्रद्धा भक्ति से करते है साथ ही बप्पा को मोदक, लड्डू, दूर्वा, फल, फूल आदि चढ़ाते है आरती करते है। और बप्पा से सुख-समृद्धि की कामना करते है। ये उत्सव करीब 10 दिनों तक चलता है और 11 वें दिन गणेश जी की मूर्ति को पानी में विसर्जित किया जाता है।
गणेश चतुर्थी को महाराष्ट्र, गुजरात कर्नाटक मध्यप्रदेश और सभी राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस उत्सव का सबसे अधिक महत्व मुंबई में है। बप्पा के आगमन से लेकर उनके विसर्जन तक मुंबई के कोने-कोने में गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया गूंजता है। हर मोहल्ले में ढोल-ताशा की ध्वनि गूंजती है। यहां की गणेश चतुर्थी का त्योहार विश्व विख्यात है। गणेश चतुर्थी का उत्सव देखने के लिए खासतौर पर लोग मुंबई आते है। सिद्धि विनायक मंदिर में बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणेश जी की मूर्ति को ढोल-बाजों के साथ घर लेकर आते है। ऐसा कहा जाता है कि बप्पा जब घर आते है तो सुख समृद्धि के साथ लेकर आते है। इसलिए लोग गणेश जी की पूजा पूरी श्रद्धा भक्ति से करते है साथ ही बप्पा को मोदक, लड्डू, दूर्वा, फल, फूल आदि चढ़ाते है आरती करते है। और बप्पा से सुख-समृद्धि की कामना करते है। ये उत्सव करीब 10 दिनों तक चलता है और 11 वें दिन गणेश जी की मूर्ति को पानी में विसर्जित किया जाता है।
गणेश चतुर्थी को महाराष्ट्र, गुजरात कर्नाटक मध्यप्रदेश और सभी राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस उत्सव का सबसे अधिक महत्व मुंबई में है। बप्पा के आगमन से लेकर उनके विसर्जन तक मुंबई के कोने-कोने में गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया गूंजता है। हर मोहल्ले में ढोल-ताशा की ध्वनि गूंजती है। यहां की गणेश चतुर्थी का त्योहार विश्व विख्यात है। गणेश चतुर्थी का उत्सव देखने के लिए खासतौर पर लोग मुंबई आते है। सिद्धि विनायक मंदिर में बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है।
