eng
competition

Text Practice Mode

साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Tuesday July 01, 11:27 by lovelesh shrivatri


2


Rating

397 words
188 completed
00:00
देश में एक बार फिर किसी धर्मस्‍थल पर दुखांतिका हो गई।  तीर्थस्‍थल पूरी में जगन्‍नाथ यात्रा के दौरान भगदड़ ने तीन श्रद्धालुओं की जान ले ली और 50 से ज्‍यादा घायल भी हुए। यह घटना अधिक शर्मनाक चिंताजनक इसलिए भी है क्‍योंकि सैकड़ों साल से इस रथयात्रा का आयोजन हो रहा है। भगदड़ से जुडे ऐसे हादसों से सबक नहीं लेने का ही नतीजा है कि पूरी में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति हो गई। हर साल लाखों श्रद्धालु रथयात्रा में शामिल होते है। श्रद्धालुओं को कैसे सुविधा सुरक्षा के साथ दर्शन कराए जाएं, इसकी तैयारी से जुड़ी बैठके महीनों पहले हो जाती है। पुलिस प्रशासन से जुडे लोगों को संभावित भीड़ का अंदाजा भी रहता है। आयोजनों में आने वाले वीवीआइपी को लेकर भी अलग व्‍यवस्‍थाएं होती आई है। इसके बावजूद पूरी में यह हादसा इंतजामों पर सवाल खड़े करता है।  
जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में भगदड़ के कारणों का खुलासा होगा लेकिन प्रारंभिक स्‍तर पर जो कारण सामने रहा है उसके मुताबिक श्रद्धालुओं के आने-जाने का एक ही रास्‍ता माना जा रहा है। इतना ही नहीं, रास्‍तें पर भी वीआइपी को प्रवेश करवाने के लिए निकास द्वार बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया। इस व्‍यवस्‍था को लागू करने से पहले वैकल्पिक इंतजाम भी नहीं किए गए। ऐसे में भीड़ का दबाव बढ़ा और भगदड मच गई, जिसकी परिणति के तौर पर यह घटना हुई। सरकार ने इस प्रकरण में लापरवाही मानते हुए कलेक्‍टर, एसपी, डीसीपी कमांडेंट पर कार्रवाई की भी है। मृतकों के लिए 25-25 लाख रूपए के मुआवजे का ऐलान भी किया है।  
अकेला पूरी नहीं है, देश के अनेक तीर्थ और धर्मस्‍थलों पर इस तरह के हादसे लगातार होते रहते है और कमोबेश सभी में एक कारण तो समान ही होता है और वे है- भीड का दबाव बढ़ना, श्रद्धालुओं के आने या जाने का कोई रास्‍ता कुछ समय के लिए रोक देना या प्रवेश में वीआइपी को प्राथमिकता देना आदि। ओडिशा के मुख्‍यमंत्री इस हादसे के लिए भगवान और भक्‍तों से क्षमा याचना की है। लेकिन महज क्षमा मांगने से ही प्रशासनिक लापरवाही का यह अपराध कम नहीं होने वाला। सही मायने में न्‍याय तब ही होगा जब इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति हो इसके पुख्‍ता प्रबंध किए जाएं। हादसों से जुडे तमाम कारणों का पता लगाकर सुधार के उपाय करने होंगे। तीर्थस्‍थलों को सहज, सुलभ सुरक्षित बनाना प्राथमिकता होनी ही चाहिए।  

saving score / loading statistics ...