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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jun 30th, 09:01 by lucky shrivatri


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हिमाचल प्रदेश भारत के उतर में है। जिसकी राजधानी शिमला है। हिमाचल के पहाडो से घिरा हुआ है और अपनी ठंडी जलवायु के लिए मशहूर है। हिमाचल को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है इसलिये यहां पर बहुत से देवों ने इंसान के रूप में जनम लिया है और उनका इतिहास ऋगवेद से भी पुराना है। हिमाचल हिमालय की शिवलिक श्रेणी की पहाडियों में बसा हुआ छोटा सा पहाडी प्रदेश है। इसे ऋषि मुनियों को भूमि भी कहा जाता है। यहां पर ही महाभारत की रचना हुई थी। जिस पर बाद में अंग्रेजो ने अधिकार कर लिया था लेकिन आजादी के बाद में इसे केंद्र शासित घोषित किया गया था लेकिन बाद में इसे अलग प्रदेश का पद मिल गया था जिसका उदघाटन एक समारोह में श्रीमति  गांधी जी ने किया था। और शिमला को इसकी राजधानी बनाया गया था जिससे अंग्रेजों के जरिये समर कैपिटल भी कहा जाता था। हिमाचल प्रदेश में बारहमासी बहने वाली नदियों और छोटी मोटी नाले बहते रहते है।  इन नदियों में विशेष राबी और चेनाव और सतलुज आदि है। इन नदीयों के बहुतयात के कारण यह पनपनी बिजली दुसरे प्रदेशों को भी बेचता है जो कि इसकी आय एक अहम जरिया है। हिमाचल पेड पोधों और वनों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ अलग अलग समुद्र बहते है और हिमालय इसके सिर पर मुकुट की तरह विराजमान है। हिमालय की जलवायु में भी समुद्र की सतह से अलग अलग उपरी के कारण असमानताएं है। हिमाचल में तीन प्रमुख ऋतुएं है। समुद्री सतह से अलग अलग उठान पर होने के कारण कुछ क्षेत्रों में पूरा साल बरफ पडती रहती है तो वही कुछ क्षेत्रों में पूरा साल गरमी रहती है। हिमाचल प्रदेश का प्रमुख काम खेती है जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिलता है और यहां की जलवायु खेती के लिए उचित माहौल मुहैया कराती है। यहां पर सिंचाई और पीने के लिए भूमिगत जल का ही प्रयोग किया जाता है। हिमाचल प्रदेश में सेब और खुमानी और आडू आदि की बागवानी भी की जाती है यहां पर सीढीदार खेत बनाकार खेती की जाती है। यहां पूजा पाठ में बहुत भरोसा करते हैं जिससे कई बार वह अंधविश्‍वास को खतरा बढ जाता हैं। हिमाचल में पहाडी और मंडियाली और हिंदी और पंजाबी आदि भाषाएं बोली जाती है। हिमाचल में पहाडी लोकगीत गाए जाते हैं। यहां के लोग जमीन पर बैठ कर खाना पसंद करते हैं और शेपुबडी विशेष पकवानों में से एक है। यहां के घरों की छतें टीनों की बनी हुई है जिससे की बरफ घरों की छतों पर जम जाए। यहां पर घर पाषाण और सलेट के बने होते हैं मैदानी क्षेत्रों में बने हुए घर शहरों  के जैसे ही होते हैं। यहां के लोगों का जीवन कठोर और परिश्रमी होता है। यहां कि महिलाओं को पानी लेने के लिए दूर दूर तक जाना पडता है। पहाडों में बसे होने के कारण अधिकतर लोग गांवों में रहते है और गांव बहुत दूर दूर होते है और वह इसमें बढ चढ कर भाग लेते है। प्राचीन काल में यहां पर रहने वाले लोगों को दास और निषेध कहा जाता था। इसकी राजधानी शिमला जिसे पहाडों की रानी भी कहा जाता है। यहां पर रिज और झाखु मंदिर और माल राड और नैना देवी का मंदिर और कसोल आदि घुमने के लिये विशेष जगह है।  

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