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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Monday June 09, 09:24 by lucky shrivatri


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नगदी रहित भारत की कलपना अभी हाल ही में प्रकाश में आई है और इसका श्रेय सही मायनों में केंद्र सरकार को जाता है। अभी हाल ही में नोटों की मुद्रा के विमुद्रीकरण हुई है। शुरू में तो लोगों को नुरानी मुद्रा को नई मुद्रा से बदलने एवं अपने ही खातों से पैसे निकालने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। हालांकि सभी पुनानी मुद्रा के विमुद्रीकरण के बाद देश में डिजिटल के जरिये नकद लेनदेन में भारी उछाल देखा गया है। मोबाइल फोन अनुप्रयोगों और भुगतान इंटरफेस यूपीआई और भीम भारत इंटरफेस फार मनी एप और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली एईपीएस या ईपरस के तहत अलग-अलग अनुप्रयोगों के जरिये नकदी रहित भारत कैशलेस भारत के सपने को पाने कि दिशा में अपेक्षित प्रगति शुरू की गई है। देर से ही सही लेकिन इस दिशा में प्रयास शुरू करना जरूरी था। आज डिजिटल के जरिये से मौद्रिक लेन देन के प्रति लोगों के मानसिकता में एक बड़ा बदलाव आया है। लोग जान गये है कि डिजिटल के जरिये भी सुरक्षित और आसान एवं सविधाजनक है और नकदी रहित भारत में काले धन या नकली मुद्रा की अब कोई गुंजाईश नही है। नकदी रहित या कैशलेस भारत अभी हाल ही में शुरू की गई एक ऐसी मुहिम है जिसके जरिये भारत सरकार नकदी आधारित विषयक को डिजिटल साधनो के जरिये नकदी रहित बनाने की दिशा में अग्रसर है और इस प्रकार देश की विषयक में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए प्रयासरत है। हालांकि अगर हम भारत को वाकई में नकदी रहित बनाना चाहते है तो अभी हमें अलग-अलग चुनौतियों से निपटने का प्रयास करना होगा। भारत एक विशाल देश है जिसके कारण आनलाइन के जरिये से लेनदेन करने की सुविधा पूरे देश में नहीं है। डिजिटल तकनीकों के सहारे नकदी के प्रवाह को नियंत्रित करने के कई फायदे है। बिना नकद लेनदेन की वजह से लोगों को बैकों में नकदी रखना पड़ रहा है और इस वजह से बैकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ गई है। सा ही इसके जरिये कुछ हद तक काल धन के प्रवाह पर अंकुश लगा है। अब बैकों और में भारतीय विषयक के विकास का साथ देने के लिए एवं लोगों को उधार देने के लिये अधिक पैसा है। इसके अलावा सबसे अहम लाभ यह हुआ है कि यह लोगों को सही तरीके से अपने करों का भुगतान करने के लिए प्ररित करेगा एवं इस प्रकार सरकार के पास जनता की कुशलता के लिए बनाई विषयक के बहेतर विकास के लिए बढि़या माना जा रहा है। पूरे देश में हर जगह बैकों के काउंटरों पर अपने पुनाने नोट बदलकर नए नोट पाने के लिये लोगों की कतारे लग गई। बहरहाल इस तरह से देश में एक नई क्रांति जिसे नकदी रहित भारत या कैशलेस भारत की संज्ञा दी गई का आगाज हो गया और इस क्रांति ने लोगो को नकदी में लेन देन करने की अपनी मानसिकता में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया। इस कदम ने धीरे-धीरे लोगों की नकदी पर आश्रित रहने की आदत को कम कर दिया है और देश में नकदी रहित लेन देन की प्रक्रिया का विकास हो चुका है।    

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