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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
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रेल यात्रा के दौरान आने वाली परेशानियों और शिकायतों को दूर करने के लिए रेलवे अफसरों के यात्रियों के साथ सफल करने की पहल स्वागत योग्य है। रेलवे ने अपने समस्त जोन का जो निर्देश दिए है उसके मुताबिक रेलवे अफसर अब रेल कोच जोन को, जो निर्देश दिए हैं उसके मुताबिक रेलवे अफसर अब रेल कोच में यात्रियों के साथ सफल करेंगे। इसमें संदेह नहीं कि पिछले वर्षो में भारतीय रेलवे ने यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ वंदेभारत जैसी अधिक सुविधाजनक ट्रेनों का संचालन भी किया है। तेज रफ्तार वाली रेलगाडियों का सफर भी आसान और समय की बचत करने वाला हुआ है। फिर भी यात्रियों को टिकट लेने से लेकर सफर के दौरान खान-पान की व्यवस्था तक की शिकायतें बनी रहती है। सोशल मीडिया पर यात्री अपनी परेशानियों का जिक्र करते भी रहते है।
भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनियां के विशाल नेटवर्क में से एक है। प्रतिदिन लाखों यात्री में सफर करते है। पीएम नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के बाद स्टेशनों व ट्रेन कोच काफी साफ रहने लगे है। ऐसे में रेल यात्रियों की शिकायतें भी अपेक्षाकृत कम रहती हैं। फिर भी एसी कोच का एसी काम नहीं करने, ट्रेनों मे देरी व खान-पान दूषित होने को लेकर शिकायतें आती रहती है। आरक्षित श्रेणी के रेलवे कोच में तो यात्री अपनी परेशानियों का जिक्र वहां मौजूद टीटी से कर देते है लेकिन सामान्य श्रेणी में परेशानियो की सुनवाई में देर हो ही जाती है। इसी तरह रेलवे कोच में शौचालय साफ-सुथरे न होने, चार्जिग पाइंट काम नहीं करने, पानी की उपलब्धता आदि ऐसे विषय है जिनसे यात्री दो चार हों तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर से उस वक्त जब सफर के दौरान छोटे-छोटे बच्चे भी साथ हो। रेलवे को टिकट आरक्षण को लेकर आने वाली परेशानियों के समाधान की दिशा में भी काम करना चाहिए। क्योंकि यह शिकायत रहती है कि तत्काल व सामान्य टिकट बुक कराते वक्त आइआरसीटीसी की वेबसाइट, मोबाइल एप व टिकट खिड़की तक परेशानी होती है। हालांकि रेलवे अपने ऑनलाइन टिकट सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी बताता रहा है। यह सही है कि पीक सीजन में तत्काल टिकट के ऑनलाइन सिस्टम में काफी लोग ऑनलाइन टिकट के प्रयास में रहते है। ऐसे में सभी को टिकट उपलब्ध होना भी संभव नहीं। फिर भी रेलवे अधिकारी जब यात्रियों के साथ कोच में सफल करें तो उन्हें इस बात की पूछताछ भी करनी चाहिए कि ऑनलाइन टिकट करें तो कराते वक्त उन्हें किस तरह की परेशानियां का सामना करना पड़ता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि रेलवे अफसर यात्रियों के साथ कोच में सफर करेंगे तो यात्रियों की समस्याओं को नजदीकी से देख पाएंगे।
भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनियां के विशाल नेटवर्क में से एक है। प्रतिदिन लाखों यात्री में सफर करते है। पीएम नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के बाद स्टेशनों व ट्रेन कोच काफी साफ रहने लगे है। ऐसे में रेल यात्रियों की शिकायतें भी अपेक्षाकृत कम रहती हैं। फिर भी एसी कोच का एसी काम नहीं करने, ट्रेनों मे देरी व खान-पान दूषित होने को लेकर शिकायतें आती रहती है। आरक्षित श्रेणी के रेलवे कोच में तो यात्री अपनी परेशानियों का जिक्र वहां मौजूद टीटी से कर देते है लेकिन सामान्य श्रेणी में परेशानियो की सुनवाई में देर हो ही जाती है। इसी तरह रेलवे कोच में शौचालय साफ-सुथरे न होने, चार्जिग पाइंट काम नहीं करने, पानी की उपलब्धता आदि ऐसे विषय है जिनसे यात्री दो चार हों तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खासतौर से उस वक्त जब सफर के दौरान छोटे-छोटे बच्चे भी साथ हो। रेलवे को टिकट आरक्षण को लेकर आने वाली परेशानियों के समाधान की दिशा में भी काम करना चाहिए। क्योंकि यह शिकायत रहती है कि तत्काल व सामान्य टिकट बुक कराते वक्त आइआरसीटीसी की वेबसाइट, मोबाइल एप व टिकट खिड़की तक परेशानी होती है। हालांकि रेलवे अपने ऑनलाइन टिकट सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी बताता रहा है। यह सही है कि पीक सीजन में तत्काल टिकट के ऑनलाइन सिस्टम में काफी लोग ऑनलाइन टिकट के प्रयास में रहते है। ऐसे में सभी को टिकट उपलब्ध होना भी संभव नहीं। फिर भी रेलवे अधिकारी जब यात्रियों के साथ कोच में सफल करें तो उन्हें इस बात की पूछताछ भी करनी चाहिए कि ऑनलाइन टिकट करें तो कराते वक्त उन्हें किस तरह की परेशानियां का सामना करना पड़ता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि रेलवे अफसर यात्रियों के साथ कोच में सफर करेंगे तो यात्रियों की समस्याओं को नजदीकी से देख पाएंगे।
