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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Thursday May 08, 09:56 by lucky shrivatri
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भारतीय वायुसेना ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए क्रर हमले के बाद दो हफ्ते में ही लश्कर-ए-तैयबा और जैश ए मोहम्मद के आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर आतंकी संगठनों और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। पाकिस्तान ने कई बार प्रमाण देने के बाद भी न तो किसी आतंकी और न ही किसी आतंकी संगठन पर कार्रवाई करना जरूरी समझा। भारतीय वासुसेना की यह एयर स्ट्राइक 2026 और 2019 में आंतकी शिविरों को नष्ट करने के लिए की गई कार्रवाई से बिल्कुल अलग है क्योंकि वायुसेना के विमानों ने नियंत्रण रेखा पार किए बिना ही आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया। सेना ने संयम से काम लेते हुए सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा भी है कि यह कार्रवाई नपी तुली, जिम्मेदारी भरी और गैर उकसावे वाला रही।
साफ है कि इस कार्रवाई के दौरान यह ध्यान रखा गया कि किसी भी नागरिक को कोई भी नुकसान न हो। वही सेना की प्रेस कांग्रेस में आर्मी अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका का आना सेना में नारी शक्ति की ताकत का भी प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह संदेश भी दिया कि हर महिला के स्वाभिमान, सम्मान व प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए सेना सदैव साथ है। सच तो यह है कि पाकिस्तान ने भारत को इस कठोर कार्रवाई के लिए मजबूर किया है।
आने वाले दिनों मे भारत की कोशिश होगी कि जल्द होने वाली एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को घेरा जाए। उसको मिलने वाली आर्थिक मदद को रोका जाए ताकि आतंकियों को मिलने वाली रकम पर लगाम लग सके। पाकिस्तान दुनिया के सामने आतंक की फैक्टरी के रूप में बेनकाब हो चुका है लेकिन इस कार्रवाई के बाद हमें बेहद सतर्क रहना होगा।
साफ है कि इस कार्रवाई के दौरान यह ध्यान रखा गया कि किसी भी नागरिक को कोई भी नुकसान न हो। वही सेना की प्रेस कांग्रेस में आर्मी अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका का आना सेना में नारी शक्ति की ताकत का भी प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह संदेश भी दिया कि हर महिला के स्वाभिमान, सम्मान व प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए सेना सदैव साथ है। सच तो यह है कि पाकिस्तान ने भारत को इस कठोर कार्रवाई के लिए मजबूर किया है।
आने वाले दिनों मे भारत की कोशिश होगी कि जल्द होने वाली एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को घेरा जाए। उसको मिलने वाली आर्थिक मदद को रोका जाए ताकि आतंकियों को मिलने वाली रकम पर लगाम लग सके। पाकिस्तान दुनिया के सामने आतंक की फैक्टरी के रूप में बेनकाब हो चुका है लेकिन इस कार्रवाई के बाद हमें बेहद सतर्क रहना होगा।
