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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Apr 17th, 06:29 by Jyotishrivatri


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एक बार महान् वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरामन के सम्‍मान में रात्रिभोज का आयोजन किया गया। रमन ने सूट के साथ सिर पर दक्षिण भारतीय पद्धति की पगड़ी पहनी हुई थी। बड़ी संख्‍या में लोग उपस्थित थे। भोज के बाद भाषण भी हुए, जिनमें प्राय: सभी ने रामनजी की शोधपूर्ण महान उपलब्धियों की प्रशंसा की। अपनी प्रशंसा सुनना उनके दिल को गवारा हुआ। वे मानते थे कि अत्‍यधिक प्रशंसा से व्‍यक्ति की प्रगति रूक जाती है। थोड़ी देर बाद जब उन्‍हें बोलने का अवसर दिया गया तब उन्‍होंने इस तथ्‍य को उजागर करते हुए कहा, लोग सोचते होंगे कि वे (रामन) इस उम्र में भी पगड़ी क्‍यों पहनते है? मैं आप लोगों को बता दूं कि जिस तरह के आज भाषण दिए गए है उन्‍हें सुन कर मेरा सिर घमंड से फूल   जाए। इसलिए उसे दबाए रखने के लिए मैं पगड़ी पहनता हूं। इस प्रकार रामन ने पगड़ी पहनने का रहस्‍य बताते हुए रात्रिभोज की गंभीरता को सहजता में बदलकर ऐसी शालीनता का परिचय दिया कि घमंड उन्‍हें छू जाए। ऐसे सरल स्‍वभावी महान वेंकटरामन ने लघुता में प्रभुता का जो उदाहरण पेश किया, आज भी बोधगम्‍य बना हुआ है।  

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