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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Apr 16th, 04:53 by lovelesh shrivatri


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एक राजा के दरबार में एक पति-पत्‍नी झगड़ा करते हुए आए। महाराज से न्‍याय की गुहार लगाते हुए पति कहने लगा कि मैं अब रोज-रोज के झगड़ो से थक गया हूं। मेरी पत्‍नी पूरे मोहल्‍ले में भी झगड़ा करती रहती है। मैं ऐसी झगड़ालू पत्‍नी के साथ अब नहीं रह सकता। मेरा न्‍याय कीजिए और इस औरत से छुटकारा दिलवाइए।  दरबार में उपस्थित गुरूदेव ने कहा, मोहल्‍ले के लोग दरबार में क्‍यों उपस्थित हुए है, तो उस आदमी ने कहा कि ये सब मेरे पक्ष में है। यह भी इसके रोज-रोज के झगड़ो से परेशान हो गए है। गुरूजी ने सबसे पूछा कि आप में से एक-एक करके बताइए कि आपसे इस महिला ने झगड़ा क्‍यों किया? एक ने कहा उनके और हमारे बच्‍चों का आपस में झगड़ा हो गया था, इसलिए घर आकर हंगामा खड़ा कर दिया। दूसरे ने कहा इस महिला के पति की साइकिल गलती से मेरे बैलों की टक्‍कर से गिर गई थी, तो उसने मेरे बैलों को पीटा। इसी तरह कई लोगों ने झगड़े के कारण बता दिए। सबके आरोप सुनकर महिला का पति बोला, अरे इन सबमें तो तुम्‍हारी भी तो गलती थी ना। सब बोले, तुम्‍हारी पत्‍नी ने जितना भी झगड़ा किया है, वह सब तुम्‍हारे लिए ओर तुम्‍हारे परिवार के लिए ही किया है। आदमी ने कहा, मैंने अपनी पत्‍नी को गलत समझा तब गुरूदेव नेे कहा हमें सिक्‍के के दोनों पहलू देखना चाहिए और आवेश में आकर आपा नहीं खोना चाहिए। दूसरों की बातों में आकर अपने घर के व्‍यक्तियों को गलत नहीं समझना चाहिए।   

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