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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Feb 24th, 04:07 by rajni shrivatri


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विश्‍वास मानव जीवन की पतवार है, जो उसे लाखों विपरीतताओं उलझनों में भी गतिशील और सुस्थिर बनाए रखती है। विश्‍वास की डोर से बंधी हुई जीवन की नैया डगमगा नहीं सकती। अनेक उलझने समस्‍याएं, आंधियां, तूफान भी उस व्‍यक्ति को अपने ध्‍येय-पथ से विचलित नहीं कर सकते है जो अपने आप में अटूट विश्‍वास लिए चल रहा है। जीवन में प्रकाश देने वाले सभी दीपक बुझ जाएं, किन्‍तु मनुष्‍य के अन्‍तर में विश्‍वास की ज्‍योति जलती रहे तो वह घोर अंधकार में भी अपना पथ स्‍वयं ढूढ लेगा। आत्‍म-विश्‍वास की ज्‍योति के समक्ष संसार के सभी अंधकार तिरोहित हो जाते है।  
संसार में जितने भी महान कार्य हुए हैं वे सब विश्‍वास की ही कृति है। महात्‍मा गांधी के प्रबल विश्‍वास ने ही देश की आजादी का स्‍पप्‍न साकार किया। तिलक जी ने कहा था स्‍वराज्‍य हमारा जन्‍मसिद्ध अधिकार है और हम उसे लेकर ही रहेगे। उनका यह दृढ़ विश्‍वास कालान्‍तर में मूर्त हुआ। लिंकन ने अपनी डायरी में लिखा साथ ही लोगों से कहा- मैने अपने भगवान को यह वचन दिया है कि दासों की मुक्ति के कार्य को मैं अवश्‍य पूरा करूंगा। अनेक विरोधी के बावजूद भी लिंकन ने वह महान कार्य सम्‍पन्‍न किया। कोलम्‍बस को विशाल सागर के पार किसी कूल का विश्‍वास था। उसने अपनी साहसिक यात्रा करके अन्‍तत: अमरीका की खोज कर ही ली।  
विश्‍वास सफल जीवन का मूलमंत्र है। टालस्‍टाय ने लिखा है विश्‍वास जीवन की शक्ति है। शेक्‍सपीयर ने  कहा था- विश्‍वास क्‍या नहीं कर सकता? विश्‍वास हमें गगनचुम्‍बी पहाड़ों को लाघने की शक्ति और प्रेरणा देता है। विश्‍वास जीवन के समस्‍त वरदानों का आधार है। स्‍वेट मार्डेन ने लिखा है। विश्‍वास की जीवन के उस मार्ग की खोज करता है जो हमें मंजिल तक पहुंचा सके। महात्‍मा गांधी ने कहा था। विश्‍वास हमारी जीवन नैया को तुफानी सागर में भी खेता है। विश्‍वास पर्वतों को डिगा देता है। विशाल सागर को लांघ सकता है। विश्‍वास कोई कोमल पुष्‍प नहीं जो साधारण वायु के झाेंके से ही गिर जाए। वह हिमालय की तरह अडिग है।  
जहां विश्‍वास है वहां जीवन के समस्‍त अभाव, अभिशाप, दीनता, दारिद्रय, गरीबी, निष्‍प्रभाव हो जाते है। ये जीवन के विकास के क्रम में बाधक नहीं बनते। संसार के अधिकांश महापुरूषों का जीवन इसी तथ्‍य का प्रतिपादन करता है, जिन्‍हें बढ़ने के लिए तनिक भी सहारा नहीं था उन्‍होंने अपने आत्‍मबल के सहारे जीवन की महान सफलताएं अर्जित की, अनेक व्‍यक्ति असाधारण बन गए अपने विश्‍वास के आधार पर।  
किसी भी क्षेत्र में सफलता अर्जित करने के लिए आगे बढ़ने के लिए विश्‍वास का होना आवश्‍यक है। किसी भी ध्‍येय की पूर्ति के पीछे विश्‍वास की सत्‍ता नहीं होगी तो वह अपने प्रारम्‍भ काल में अस्‍त हो जाएगा। विश्‍वास के अभाव मनुष्‍य जीवन शुष्‍क, नीरस, निर्जीव-सा बन जाता है। जड़ता अपने जाल में जकड लेती है। विश्‍वास के अभाव में राजपथ पर भी मनुष्‍य एकदम आगे बढ़ सकता।  

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