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CPCT UMARIA (RAM-JINDGI)

created Feb 13th, 12:04 by Ramnaresh Patel AYAMRAM


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वेदव्‍यास की महाभारत को बेशक मौलिक माना जाता हो, लेकिन कहते हैं कि वह तीन चरणों में लिखि गई है। पहले चरण में 8,800 श्र्लोक, दूसरे चरण में 24,000 तथा तीसरे चरण में 1 लाख श्र्लोक लिखे गये हैं। प्रत्‍येक घर में महाभारत होना चाहिए। महाभारत को ''पंचम वेद'' कहा गया है। यह ग्रंथ भारत देश के मन प्राण में बसा है। यह भारत की राष्‍ट्रीय गाथा है। इस ग्रंथ में तत्‍कालीन भारत (आर्यावत) का समग्र इतिहास वर्णित है।  
महाभारत में कई घटना, संबंध और ज्ञान विज्ञान के रहस्‍य छुपे हुए है। महाभारत का हर पात्र जीवंत है; चाहे वह कौरव, पांडव, कर्ण और कृष्‍ण हो या धृष्‍टद्युम्‍न, शल्‍य शिखंडी या कृपाचार्य हों। महाभारत केवल योद्धाओं की गाथा तक सीमित नहीं है।  
एक रहस्‍यमयी व्‍यक्ति शिखंडी:- शिखंडी का नाम सभी ने सुना होगा। शिखंडी को उसके पिता द्रुपद ने पुरुष की तरह पाला था तो स्‍वाभाविक है कि उसका विवाह किसी स्‍त्री से ही किया जाना चाहिए। ऐसा ही हुआ लेकिन शिखंडी की पत्‍नी को इस वास्‍तविकता का पता चला तो वह शिखंडी को छोड़ अपने पिता के घर चली गई। क्रोधित पिता ने द्रुपद के विनाश की चेतावनी दे दी।  
हताश शिखंडी जंगल में जाकर आत्‍महत्‍या करने लगा तभी एक यक्ष ने वहां उपस्थित होकर उसकी स्थिति पर दया करते हुए रातभर के लिए अपना लिंग उसे दे दिया ताकि वह अपना पुरुषत्‍व सिद्ध कर सके। हालांकि यक्ष की इस हरकत से यक्षपति कुबेर नाराज हो गए और उन्‍होंने उस यक्ष को शाप दे दिया कि शिखंडी के जीते-जी उसे अपना लिंग वापस नहीं मिल पाएगा। यही शिखंडी महाभारत में भीष्‍म के घायल होने के अंतत: उनकी मृत्‍यु का कारण बना।  
दरअसल, शिखंडी पिछले जन्‍म में अंबा नामक राजकुमारी था जिसका दो बहनों के साथ भीष्‍म ने अपहरण कर लिया था। भीष्‍म इन बहनों की शादी शरीरिक रूप से अक्षम अपने अनुज विचित्रवीर्य से कना चाहते थे। अंबा ने भीष्‍म को बताया कि उसका प्रे‍मी है और प्रार्थना की कि उसे मुक्‍त कर दें। भीष्‍म ने उसे मुक्‍त कर दिया लेकिन उसके प्रेमी ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया और उसे वापस विचित्रवीर्य  के पास लौटना पड़ा, लेकिन विचित्रवीर्य ने भी उसे अस्‍वीकार कर दिया। तब अंबा ने भीष्‍म के सामने विवाह का निवेदन रखा, लेकिन उन्‍होनें तो आजीवन ब्रह्मचारी रहने का व्रत लिया हुआ था। अंतत: अंबा ने परशुराम से न्‍याय की गुहार की; परशुराम ने भीष्‍म से युद्ध किया किन्‍तु निराशा हाथ लगी। तब अंबा ने शिव की अराधना की और वरदान मांगा कि इच्‍छामृत्‍यु का वर पाये भीष्‍म की मृत्‍यु का कारण वह बने। शिव ने कहा कि यह अगले जन्‍म में ही संभव हो सकेगा, तब अंबा मृत्‍यु को वरण कर लेती है।  

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