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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) ''आपकी सफलता हमारा ध्येय''
created Feb 11th, 11:11 by Buddha Typing
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जब विषयवस्तु की रकम या मूल्य इसके साथ संलग्न चतुर्थ अनुसूची के प्रथम स्तम्भ में विनिर्दिष्ट राशि से अधिक है किन्तु द्वितीय स्तम्भ में विनिर्दिष्ट राशि से अधिक नहीं है तब उक्त अनुसूची के तृतीय और चतुर्थ स्तम्भ में विनिर्दिष्ट फीसें किसी ऐसे वाद में या इस अधिनियम के अध्याय 7 के अधीन ऐसी किसी कार्यवाही में जिससे उक्त स्तम्भ क्रमश: सम्बन्धित हैं, उस व्यक्ति द्वारा जिसकी ओर से ऐसी आदेशिकाएं जारी की जाती हैं, आदेशिकाओं के जारी करने के पूर्व संदत्त की जाएंगी। जब किसी ऐसा वाद कार्यवाही सुनवाई के पूर्व पक्षकारों की सहमति द्वारा निपटाई जाती है तब, उस समय तक संदत्त सभी फीसों की आधी रकम लघुवाद न्यायालय द्वारा उन पक्षकारों को जिनके द्वारा वे संदत्त की गई थी प्रतिसंदाय की जाएंगी। लघुवाद न्यायालय, जब किभी वह ठीक समझे, निर्धन व्यक्तियों द्वारा संस्थित वाद और धारा 41 के अधीन आवेदन ग्रहण और रजिस्टर कर सकता है, और ऐसे व्यक्तियों की ओर से, धारा 71 और धारा 72 में उल्लिखित फीसों के संदाय के बिना या भागत: संदाय करने पर आदेशिकाएं जारी कर सकता है। राज्य सरकार समय-समय पर, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, धारा 71 और धारा 72 के अधीन संदये फीसों की रकम में फेरफार कर सकती है।
परन्तु ऐसी फीसों की रकम किसी भी दशा में उक्त धाराओं द्वारा विहित रकम से अधिक नहीं होगी। लघुवाद न्यायालय में किसी पक्षकार द्वारा किसी अधिवक्ता, वकील, अटर्नी या अन्य विधि व्यवसायी को नियोजित करने में उपगत व्यय भी किसी ऐसे वाद में या इस अधिनियम के अध्याय 7 के अधीन किसी कार्यवाही में खर्चे के रूप में अनुज्ञात नहीं किया जाएगा।
परन्तु ऐसी फीसों की रकम किसी भी दशा में उक्त धाराओं द्वारा विहित रकम से अधिक नहीं होगी। लघुवाद न्यायालय में किसी पक्षकार द्वारा किसी अधिवक्ता, वकील, अटर्नी या अन्य विधि व्यवसायी को नियोजित करने में उपगत व्यय भी किसी ऐसे वाद में या इस अधिनियम के अध्याय 7 के अधीन किसी कार्यवाही में खर्चे के रूप में अनुज्ञात नहीं किया जाएगा।
