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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Feb 3rd, 05:13 by lovelesh shrivatri


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एक बार जंगल में रहने वाली चालाक लोमड़ी की मुलाकात सीधे-सादे गधे से हुई उसने गधे के सामने मित्रता का प्रस्‍ताव रखा, गधे का कोई मित्र नहीं था, उसने लोमड़ी की मित्रता स्‍वीकार कर ली, दोनों ने एक-दूसरे को वचन दिया कि वे सदा एक-दूसरे की सहायता करेंगे। उस दिन के बाद से दोनों अपना अधिंकाश समय एक-दूसरे के साथ गुजारने लगे, वे जंगल में घूमा करते घंटों एक-दूसरे से बातें किया करते थे, गधा लोमड़ी का साथ पाकर बहुत खुश था। एक दिन दोनों जंगल के तालाब किनारे बातें कर रहे थे। तभी वहॉं जंगल का राजा शेर पानी पीने आया उसने जब गधे को देखा तो उसके मुँह में पानी गया। लोमड़ी को शेर की मंशा भापते देर नहीं लगी वह सोचने लगी कि क्‍यों शेर से एक समझौता किया जाए मैं उसे गधे को मारने में सहायता करूंगी इस तरह मेरे भोजन की भी व्‍यवस्‍था को जायेगी। वह शेर के पास गई और मधुर स्‍वर में बोली वनराज! यदि आप उस गधे का मांस खाना चाहते हैं, तो आपकी सहायता कर सकती हूँ, बस आप मुझे वचन दें कि आप मुझे कोई नुकसान नहीं पहुँचायेंगे और थोड़ा मांस मुझे भी दे देंगें। शेर भला सामने से रहे प्रस्‍ताव को क्‍यों अस्‍वीकार करता? वह मान गया अगले दिन योजना अनुसार लोमड़ी गधे को भोजन ढूंढने के बहाने जंगल में एक ऐसे स्‍थान पर ले गई, जहॉं एक गहरा गड्ढा था। लोमड़ी की बातों में उलझे गधे की दृष्टि गड्ढे पर नहीं पड़ी और वह उसमें गिर पड़ा लोमड़ी ने तुरंत पेड़ के पीछे छुपे शेर को इशारा कर दिया शेर भी इसी अवसर की ताक में था। उसने पहले लोमड़ी पर हमला किया और उसे मारकर छककर उसका मांस खाया बाद में उसने गधे को मारकर उसके मांस की दावत उड़ाई।  
शिक्षा- मित्र को धोखा देने वाले का परिणाम बुरा होता हैं।  

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