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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jan 30th, 06:43 by Jyotishrivatri


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एक राज्‍य में एक पराक्रमी राजा का शासन था, उसकी कोई संतान नहीं थी। ढलती उम्र के कारण राज्‍य के भावी उत्तराधिकारी को लेकर वह अत्‍यंत चिंतित था, अनेक वैद्यों को दिखाने के बाद भी वह संतान सुख से वंचित ही रहा। अंतत: उसने राज्‍य के ही किसी योग्‍य नवयुवक को राज्‍य की बाग-डोर सौंप देने का निश्‍चय किया। भावी उत्तराधिकारी के चयन हेतु उसने योग्‍यता परीक्षण का आयोजन किया। इस हेतु एक शानदार महल का निर्माण करवाया गया। महल के दरवाजे पर गणित का एक समीकरण अंकित कर पूरे राज्‍य में घोषणा कर दी गई कि राज्‍य के सभी नवयुवक महल का दरवाजा खोलने आमंत्रित है। दरवाजे पर अंकित समीकरण हल कर दरवाजा खोलें, जो दरवाजा खोलने में सफल होगा, उसे महल उपहार स्‍वरूप प्रदान किया ही और साथ ही राज्‍य का उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया जायेगा।  
घोषणा के दिन से ही उस नव-निर्मित महल में नवयुवकों का तांता लग गया। सुबह से लेकर शाम तक नवयुवक वहां आते और दरवाजे पर अंकित गणित के समीकरण को हल करने का प्रयास करते। किंतु आर्श्‍चय की बात थी कि कोई भी उसे हल कर पा रहा था। कई उसे लिखकर या याद करके जाते और घर पर उसका हल निकालने का हर संभव का प्रयास करते किंतु फिर भी असफल रहते। कई दिन बीत गए राज्‍य के बड़े से बड़े गणितज्ञ भी उस समीकरण का हल निकाल पाने में असमर्थ रहे। तब राजा ने दूसरे राज्‍यों के गणितज्ञों को आमंत्रित किया। दूसरे राज्‍य के गणितज्ञ आये और गणित का वह समीकरण हल करने लगे। जैसे-जैसे दिन ढलता गया, एक-एक करके गणितज्ञ वहां से जाते गए। अंत में मात्र तीन लोग शेष बचे। उनमें से दो दूसरे राज्‍य के गणितज्ञ थे, किंतु तीसरा गांव का एक साधारण सा युवक था। युवक बोला, महाराज मैं तो बस यूं ही इन नामी-गिरामी गणितज्ञों को देखने आया हूं। ये अपने राज्‍यों के इतने बड़े गणितज्ञ हैं, इन्‍हें समीकरण हल करने दीजिये। यदि इन्‍होंने हल निकाल लिया तो राज्‍य के उत्तराधिकारी बन जायेंगे।  यदि ये समीकरण हल नहीं कर पाए, तब मैं कोशिश करके देखूंगा। इतना कहकर युवक एक कोने में बैठकर गणितज्ञों को देखने लगा। पूरा दिन निकल गया और शाम घिर आई। किंतु दोनों गणितज्ञ समीकरण हल नहीं कर पाए। उनके मस्तिष्‍क में पूरे दिन मात्र एक ही प्रश्‍न घूम रह था कि आखिर इस समीकरण में ऐसा भी क्‍या है कैसे ये हल होगा? कैसे महल का ये दरवाजा खुलेगा। पूरा प्रयास करने के बाद भी वे समीकरण हल नहीं कर पाए। जब उन्‍होंने हार माल ली, तो कोने, में बैठा युवक उठकर दरवाजे के पास गया और जाकर उसे धीरे से धक्‍का दे दिया। जैसे ही उसने दरवाजे को धक्‍का दिया, दरवाजा खुल गया। दरवाजा खुलते ही लोग उससे पूछने लगे कि तुमने ऐसा क्‍या किया कि महल का दरवाजा खुल गया। युवक बोला, जब मैं बैठकर सबको गणित का समीकरण हल करते देख रहा था, तो मेरे दिमाग में विचार आया कि हो सकता है कि दरवाजा खोलने का कोई समीकरण ही हो। इसलिये मैं गया और सबसे पहले जाकर दरवाजे को धक्‍का दे दिया। दरवाजा खुल गया दरवाजे खोलने का कोई समीकरण था ही नहीं।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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