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ओशो का परिचय
created Jan 29th, 15:16 by Ankit Bais
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ओशो: एक रहस्यमयी यात्रा
ओशो, जिन्हें आचार्य रजनीश के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय दार्शनिक और अध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में लाखों लोगों को प्रभावित किया और उनके विचारों ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया।
एक संक्षिप्त परिचय
प्रारंभिक जीवन: उनका जन्म चंद्र मोहन जैन के रूप में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही धर्म और दर्शन में गहरी रुचि दिखाई थी।
आध्यात्मिक यात्रा: उन्होंने जैन धर्म और बौद्ध धर्म का गहराई से अध्ययन किया और बाद में अपने स्वयं के दर्शन को विकसित किया।
रजनीश आश्रम: उन्होंने रजनीश आश्रम की स्थापना की, जो जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र बन गया।
विचार: उनके विचारों में ध्यान, प्रेम, स्वतंत्रता, और व्यक्तिगत विकास पर जोर दिया गया था। उन्होंने पारंपरिक धर्मों की आलोचना की और व्यक्तिगत अनुभव को ज्ञान का स्रोत बताया।
विवाद: ओशो अपने विवादास्पद विचारों और जीवनशैली के कारण अक्सर विवादों में घिरे रहते थे।
विदेश में जीवन: 1981 में वे संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए और वहां ओरेगन राज्य में एक आश्रम स्थापित किया।
अंतिम वर्ष: 1990 में भारत लौटे और कुछ समय बाद उनका निधन हो गया।
ओशो का दर्शन
ओशो का दर्शन व्यक्तिगत स्वतंत्रता, आत्म-खोज, और आध्यात्मिक जागरण पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि सत्य को किसी किताब या गुरु से नहीं, बल्कि अपने भीतर खोजा जाना चाहिए। उन्होंने ध्यान को आत्म-साक्षात्कार का एक शक्तिशाली उपकरण बताया।
ओशो के कुछ प्रमुख विचार:
प्रेम: ओशो के अनुसार, प्रेम ही जीवन का सबसे बड़ा उपहार है।
स्वीकृति: उन्होंने बिना किसी शर्त के स्वयं और दूसरों को स्वीकार करने की बात कही।
खुशी: उन्होंने कहा कि खुशी एक आंतरिक स्थिति है और इसे बाहरी चीजों से नहीं खरीदा जा सकता।
जीवन का उत्सव: ओशो ने जीवन को एक उत्सव के रूप में मनाने की बात कही।
ओशो, जिन्हें आचार्य रजनीश के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय दार्शनिक और अध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में लाखों लोगों को प्रभावित किया और उनके विचारों ने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित किया।
एक संक्षिप्त परिचय
प्रारंभिक जीवन: उनका जन्म चंद्र मोहन जैन के रूप में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही धर्म और दर्शन में गहरी रुचि दिखाई थी।
आध्यात्मिक यात्रा: उन्होंने जैन धर्म और बौद्ध धर्म का गहराई से अध्ययन किया और बाद में अपने स्वयं के दर्शन को विकसित किया।
रजनीश आश्रम: उन्होंने रजनीश आश्रम की स्थापना की, जो जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र बन गया।
विचार: उनके विचारों में ध्यान, प्रेम, स्वतंत्रता, और व्यक्तिगत विकास पर जोर दिया गया था। उन्होंने पारंपरिक धर्मों की आलोचना की और व्यक्तिगत अनुभव को ज्ञान का स्रोत बताया।
विवाद: ओशो अपने विवादास्पद विचारों और जीवनशैली के कारण अक्सर विवादों में घिरे रहते थे।
विदेश में जीवन: 1981 में वे संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए और वहां ओरेगन राज्य में एक आश्रम स्थापित किया।
अंतिम वर्ष: 1990 में भारत लौटे और कुछ समय बाद उनका निधन हो गया।
ओशो का दर्शन
ओशो का दर्शन व्यक्तिगत स्वतंत्रता, आत्म-खोज, और आध्यात्मिक जागरण पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि सत्य को किसी किताब या गुरु से नहीं, बल्कि अपने भीतर खोजा जाना चाहिए। उन्होंने ध्यान को आत्म-साक्षात्कार का एक शक्तिशाली उपकरण बताया।
ओशो के कुछ प्रमुख विचार:
प्रेम: ओशो के अनुसार, प्रेम ही जीवन का सबसे बड़ा उपहार है।
स्वीकृति: उन्होंने बिना किसी शर्त के स्वयं और दूसरों को स्वीकार करने की बात कही।
खुशी: उन्होंने कहा कि खुशी एक आंतरिक स्थिति है और इसे बाहरी चीजों से नहीं खरीदा जा सकता।
जीवन का उत्सव: ओशो ने जीवन को एक उत्सव के रूप में मनाने की बात कही।
