Text Practice Mode
HINDI TYPING TEST FOR JJA | MrHArSH - HARSH_S.SPARK | ADMISSION OPEN [DCA/PGDCA/CPCT AND BASICS OF COMPUTER ] CONTANT NO : 7089723068
created Jan 16th, 07:12 by harshvardhan spark
0
681 words
19 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
जब शिक्षित और प्रतिभाशाली पेशेवरों का समूह, विशेष रूप से डॉक्टर, इंजीनियर और वित्तीय क्षेत्र से संबंधित लोग, बेहतर रोजगार के अवसर तलाशने के लिए अपना देश छोड़ कर दूसरे देश बस जाते हैं तो इसे प्रतिभा पलायन के रूप में जाना जाता है। भारत जैसे विकासशील देशों में यह समस्या काफी आम है। एक कंपनी या उद्योग से दूसरे में शामिल होने के लिए कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर पलायन को प्रतिभा पलायन कहा जाता है। भारत प्रतिभा पलायन से बहुत ज्यादा ग्रस्त है भारतीय अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्टता और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उच्च वेतन वाली नौकरियों को हासिल करके देश का नाम रोशन कर रहे हैं। वे व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट होने के लिए जाने जाते हैं और कई रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य के प्रौद्योगिकी उद्योग का एक बड़ा हिस्सा भारतीय है। इस प्रकार भारतीयों ने अमरीकी प्रौद्योगिकी के निर्माण के लिए प्रमुख रूप से योगदान दिया है और अर्थव्यवस्था को भी बदल कर रख दिया है। यदि उन्होंने भारत के विकास में इसका आधा भी योगदान दिया होता तो देश की वर्तमान स्थिति बेहतर होती। भारत में प्रतिभा पलायन की समस्या गंभीर है क्योंकि यहां उपलब्ध रोजगार के अवसर शिक्षा की गुणवत्ता के अनुरूप नहीं हैं। अन्य कारक मुस्लिम तुष्टिकरण, अनुचित रिज़र्वेशन सिस्टम, ज्यादा टैक्स और जीवन के निम्न स्तर शामिल हैं। प्रतिभा पलायन जो भौगोलिक और साथ ही संगठनात्मक स्तर पर हो रहा है उससे निपटना भी मुश्किल है। तो क्यों ना इससे बचने के तरीके खोजें। भौगोलिक और संगठनात्मक प्रतिभा पलायन की समस्या को दूर करने के लिए यहां कुछ तरीके बताएं गए हैं: आरक्षण प्रथा बंद हो- भारत जैसे देशों में प्रतिभाशाली युवक कोटा प्रणाली से पीड़ित हैं। आरक्षित वर्ग के कई अयोग्य लोगों को उच्च वेतन वाली नौकरियां मिलती हैं जबकि योग्य उम्मीदवारों को कम वेतन वाली नौकरी से संतुष्ट होना पड़ता है। योग्य व्यक्तियों के लिए ऐसा स्वाभाविक है जो अलग देश में अपनी प्रतिभा के समान नौकरी तलाशने के लिए वहां स्थानांतरित हो जाते हैं। यह सही समय है कि भारत सरकार को इस पक्षपाती कोटा प्रणाली को खत्म करना चाहिए। मेरिट एकमात्र फ़ैसले का जरिया बने- कोटा प्रणाली के अलावा लोगों को उनके पंथ, जाति और अन्य चीजों के आधार पर भी प्राथमिकता दी जाती है जिनका नौकरी से कुछ लेना-देना नहीं है। बहुत से लोग अपने समुदाय या शहर से संबंधित लोगों को नौकरी देते हैं। यह सब बंद कर दिया जाना चाहिए और एक व्यक्ति को उसकी योग्यता और क्षमता के आधार पर नौकरी मिलनी चाहिए। उचित प्रचार- कई बॉस अपने कुछ कर्मचारियों को दूसरों के मुकाबले ज्यादा पसंद करते हैं। कई बार ऐसा देखा जाता है कि अगर कोई कर्मचारी कड़ी मेहनत कर रहा है और नौकरी अच्छे तरीके से कर रहा है तो भी उसे पदोन्नति देते वक़्त ध्यान में नहीं रखा जाता और जो बॉस का पसंदीदा है वह आसानी से पदोन्नत हो जाता है बेशक वह मापदंडों पर खरा नहीं उतरता हो। इससे कर्मचारियों के बीच असंतोष का कारण बनता है और वे बेहतर अवसरों की तलाश करते हैं। नेतृत्व में सुधार-
ऐसा कहा जाता है कि कर्मचारी कंपनी नहीं छोड़ता बल्कि वह अपने बॉस को छोड़ता है। अच्छे बॉस और प्रबंधकों की कमी के कारण कंपनी को कई प्रतिभाशाली कर्मचारियों के जाने का नुकसान उठाना पड़ता है। लोगों को अपने काम के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और पुरस्कृत किया जाना चाहिए और यदि ऐसा सही समय पर नहीं होता है तो वे निराश हो जाते हैं और बाहर अवसरों की तलाश करते हैं। वेतन पैकेज- वेतन पैकेजों का निर्णय लेने के लिए संगठन को निष्पक्ष होना चाहिए एक ही स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन पैकेज की बात करते समय ज्यादा बदलाव नहीं होने चाहिए। इसके अलावा वेतन पैकेज बाजार के मानकों के बराबर होना चाहिए नहीं तो कर्मचारी नौकरी छोड़ कर वहां चले जायेंगे जहाँ उन्हें योग्य पैकेज मिल जाएगा। भारत जैसे विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के तरीकों का उद्देश्य प्रतिभा पलायन की समस्या को नियंत्रित करना है। लोगों को इस समस्या को नियंत्रित करने के तरीकों को गंभीरता से लेना चाहिए तथा सरकार और संगठनों द्वारा कार्यान्वित किया जाना चाहिए।
ऐसा कहा जाता है कि कर्मचारी कंपनी नहीं छोड़ता बल्कि वह अपने बॉस को छोड़ता है। अच्छे बॉस और प्रबंधकों की कमी के कारण कंपनी को कई प्रतिभाशाली कर्मचारियों के जाने का नुकसान उठाना पड़ता है। लोगों को अपने काम के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और पुरस्कृत किया जाना चाहिए और यदि ऐसा सही समय पर नहीं होता है तो वे निराश हो जाते हैं और बाहर अवसरों की तलाश करते हैं। वेतन पैकेज- वेतन पैकेजों का निर्णय लेने के लिए संगठन को निष्पक्ष होना चाहिए एक ही स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन पैकेज की बात करते समय ज्यादा बदलाव नहीं होने चाहिए। इसके अलावा वेतन पैकेज बाजार के मानकों के बराबर होना चाहिए नहीं तो कर्मचारी नौकरी छोड़ कर वहां चले जायेंगे जहाँ उन्हें योग्य पैकेज मिल जाएगा। भारत जैसे विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के तरीकों का उद्देश्य प्रतिभा पलायन की समस्या को नियंत्रित करना है। लोगों को इस समस्या को नियंत्रित करने के तरीकों को गंभीरता से लेना चाहिए तथा सरकार और संगठनों द्वारा कार्यान्वित किया जाना चाहिए।
saving score / loading statistics ...