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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565(13)
created Jan 2nd, 13:47 by lovelesh shrivatri
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एक राजा अपने पुत्र को अपना राजपाट सौंपना चाहते थे। पुत्र गुणवान और बुद्धिमान था लेकिन वो अपने इन गुणों से अवगत नहीं था और कोई भी काम मन से नहीं करता था। राजा परेशान था कि ये कैसे इतने बड़े राजपाट को संभाल पाए्गा। ये बात राजा ने अपने कुलगुरू को बताइ। दूसरे दिन गुरूदेव ने राजकुमार को बुलाया और कहा, चलो आज तुम मेरे साथ भ्रमण पर चलो। राजकुमार उनके घोड़ पर बैठ गया। थोड़ी दूर जाते ही गुरूदेव ने अपने घोड़े की लगाम छोड़ दी और घोड़ा इधर उधर जाने लगा। राजकुमार बोला, गुरूदेव घोड़े की लगाम पकड़ों तभी तो आगे बढ़ पाएंगे वरना भटकते रहेंगे। गुरूदेव बोले, राजकुमार यही मैं आपको समझाना चाहता हूं। आप भी अपने मन की लगाम को पकड़ों और अपनी एक दिशा तय करो। तभी आप एक महान राजा बन सकते हो। यह बात सुनते ही राजकुमार सारी बात समझ गया।
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