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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Dec 8th, 11:30 by lovelesh shrivatri
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चंदनपुर गांव में एक वद्ध स्त्री रहती थी। उसका एक बेटा था जिसका नाम दगडू था। वह स्त्री नए-पुराने कपड़े सिलने का काम कर के अपना और अपने बेटे का पेट पालती थी। दगडू एक कामचोर और आलसी लड़का था। और दिन रात सपने देखा करता था। दगडू के साथ एक बड़ी परेशानी थी कि उसे अक्सर बुरे सपने ही आते थे। और जब भी कोई बुरा सपना आता था, वह सपना हकीकत बन जाता था। एक दिन दगडू को सपना आता है कि कुछ लोग नव विवाहित दम्पत्ति और बारात को लूट रहे हैं। और उनसे मारपीट भी कर रहे हैं। दगडू ने जिसे सपने में देखा होता हैं। वही दुल्हन बनने वाली लड़की अपनी शादी का लहंगा सिल जाने के बाद वापिस लेने दगडू की मॉं के पास आती हैं। दगडू फौरन उसे सपने वाली बात कह देता हैं। वह लड़की अपनी मॉं और ससुराल वालो को यह बात बताती हैं। पर सब लोग इस स्वपन वाली बात को वहम समझ कर अनसुना कर देते हैं। शादी के बाद जब वर-वधू बारात के साथ जा रहे होते हैं। तब सपने वाला वाक्या सच में घटित हो जाता हैं। और इस पूरी घटना में दगडू पर आरोप लगते हैं कि वही लूटेरों से मिला होगा वरना उसे कैसे पता चल सकता है कि ऐसा ही होगा। और शक की बिनाह पर सारे लोग मिल कर दगडू की खूब पिटाई करते हैं। इस घटना के कुछ दिनों बाद एक रात दगडू को सपना आता है कि मोहल्ले में रह रही चौधरायन का नया मकान गृहप्रवेश के दिन जल कर खाक हो जाता हैं। तभी अगले ही दिन चौधरायन उस मकान को बनवाने की खुशी में लड्डू ले कर दगडू की मॉं के पास पहुँचती हैं। और गृहप्रवेश समारोह के दिन जलसे में आने का न्योता देती हैं। वहीं पर सपने की बात दगडू फौरन अपनी मॉं से और चौधरायन से कह देता हैं। चौधरायन गुस्से से लाल-पीली हो जाती हैं। और उल्टा दगडू की मॉं को ही कहने लगती हैं कि तुम्हारा बेटा ही काली जुबान वाला है और उसके बोलने से ही सब के साथ अनर्थ हो जाता हैं। चौधरायन गुस्से में जली कटी सुना कर मॉं बेटे को भला-बुरा कह कर वहाँ से चली जाती हैं। गृहप्रवेश समारोह के दौरान कोई घटना ना हो इसके लिए पक्के इंतजाम किये जाते हैं पर फिर भी किसी ना किसी तरह आग की चिंगारी चौधरायन के भव्य मकान के परदों में लग जाती हैं और देखते-देखते रौंद्र रूप धारण कर के पूरा मकान जला कर खाक कर देती है। चूँकि दगडू इस बारे में पहले ही बोल चुका था इसलिए सब उसे काली जुबान का बोल उसपर टूट पड़ते हैं और उसे मारकर गॉंव से निकाल देते हैं। दगडूू समझ नहीं पाता है कि लोगो को सच सुन कर उसी पर क्रोध क्यों आता हैं। खैर, दगडू एक दूसरे राज्य चला जाता है जहॉं उसे रात की पहर में महल की चौकीदारी करने का काम मिल जाता हैं। वहां के राजा को अगले दिन सोनपुर किसी काम से जाना होता हैं। इस लिए वह रानी को कहते है कि उसे सुबह जल्दी उठा दें। दगडू रात में महल के दरवाजे पर चौकीदारी कर रहा होता हैं। तभी अंधेरा होने पर उसे नींद आ जाती है। और फिर उसे सपना आता है कि सोनपुर में भूंकप आया है।
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