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जावेद कम्‍प्‍यूटर टीकमगढ मोबाईल नं. 8871211318 (CPCT Exam (2) 17-03-2024 Hindi)

created Yesterday, 12:28 by MOHMMAD JAVED KHAN


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हमारे गांव में एक किसान था जिसका नाम सुखराम था। लेकिन सुखराम अपने बैलों की वजह से हमेशा दुखीराम बना रहता था। उसके पास खेत जोतने के लिए कुल चार बैल थे। चारों बैल बहुत सुंदर थे। इनमें दो बैल काले रंग के थे एक बैल सफेद रंग का था और एक बैल भूरे रंग का था। चारों बैल जब सुखराम के साथ सुबह सुबह खेत की तरफ निकलते तो गांव के सभी लोगों की आंखें उन पर जम जाती। जमें भी कैसे चारों थे ही इतने ताकतवर सुंदर और तगड़े कि कोई एक बार देख ले तो उसकी नजरें ही हटे। सुखराम उनका हमेशा बहुत खयाल रखता। चाहे उसे खुद खाने को कुछ नसीब हो या हो लेकिन वह हर हाल में इन चारों के खाने का जुगाड़ कर ही लेता था। जिस तरह सुखराम इन चारों को प्रेम देता था ठीक वैसे ही ये चारों भी उससे बहुत प्रेम करते थे। यदि सुखराम घर से कहीं चला जाए और शांम तक लौटे तो चारों शोर मचा मचा कर सारे गांव को खबर दे देते कि आज हमारा मालिक सुखराम घर पर नहीं है। इतना ही नहीं यदि सुखराम कभी घर हो तो ये चारों उसे देखे बिना खाना तक नहीं खाते थे। अब आप सोच रहे होंगे कि जब बैल सुखराम से प्रेम इतना करते थे और सुखराम बैलों से प्रेम करता था तो सुखराम हमेशा बैलों के कारण दुखीराम किस लिए बना रहता था। दरअसल यूं तो चारों बैल बहुत समझदार थे लेकिन चारों ही आपस में बहुत लडते थे। कई बार तो झगडे में एक दूसरें को चोट भी पहुंचा देते थे। एक बार तो हालात ऐसी हो गई कि चारों को ही एक साथ दवाखानें ले जाना पडा। चारों कभी भी किसी भी बात पर झगड पडते थे। ऐसे में पहले तो सुखराम ने कई बार सखती से काम लिया और चारों को अलग अलग बांध दिया। लेकिन फिर जब सुखराम चारों बैलों को खेत में ले जाता तो फिर ये वहां लडाई करने लगते। सुखराम परेशान हो गया था कि आखिर करें तो किस तरह इन चारों को ठीक करें। फिर उसने सोचा कि सबसे पहले उसे यह समझने की जरूरत है कि आखिरकार ये चारों आपस में लडते ही किस लिए हैं। लेकिन उसमें भी एक परेशानी यह थी कि सुखराम उनकी भाषा कैसे समझेगा। इसलिए सुखराम ने निर्णय लिया कि वह कुछ दिन खेत पर नहीं जाएगा और यही रह कर इन सभी बैलों पर नजर बनाए रखेगा साथ ही यह भी देखेगा कि इन सभी में कौन सबसे अधिक शरारती है। वह लगातार आठ दिनों तक खेत पर जाकर उन चारों बैलों पर ही नजर बनाए रहा। जिससे उसे समझ आया कि कोई किसी से कम नहीं है। ये चारों ही बैल बराबर लडते हैं और हमेशा खुद को सुखराम के सामने बेहतर दिखाना चाहते हैं। जैसे ही सुखराम को यह बात समझ आई उसने पहले सभी बैलों को प्रेम से समझाया कि तुम चारों ही मेरे लिए एक समान हो मैं तुम सभी से बराबर प्रेम करता हूं। लेकिन अगर तुम सभी ऐसे ही लडते रहे तो मैं तुम सब को अलग जगह बेच दूंगा और खुद से दूर कर दूंगा। इतना सुनते ही चारों बैल बुरी तरह से डर गए और फिर कभी आपस में नहीं लड़े।

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