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MY NOTES 247 जूनियर ज्यूडिशियल असिस्टेंट हिंदी मोक टाइपिंग टेस्ट 10 *
created Nov 21st, 09:24 by 12345shiv
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अपीलकर्ता ने ग्राम नीमनवासा में अपने स्वामित्व की 12 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से अर्जुन नगर के नाम से कॉलोनी विकसित कर ली है तथा अब उस पर मकान बना रहा है। उक्त शिकायत को अवैध कॉलोनी प्रकोष्ठ, उज्जैन ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि अर्जुन नगर कॉलोनी एक वैध कॉलोनी है, जो सभी वैधानिक अनुमतियां प्राप्त करने के बाद विकसित की गई है। इस पृष्ठभूमि में कार्यपालन यंत्री ने भूमि को रिक्त भूमि बताते हुए धारा 4 की अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया था। मध्य प्रदेश गृह निर्माण विकास मंडल (जिसे आगे मंडल कहा जाएगा) के कार्यपालन यंत्री ने मंडल या राज्य सरकार से कोई अनुमोदन या पूर्व अनुमति लिए बिना, अपनी इच्छा से नीमनवासा गांव में स्थित कृषि भूमि के हेक्टेयर अधिग्रहण के लिए सीधे भूमि अधिग्रहण अधिकारी जिला उज्जैन को आवेदन प्रस्तुत किया। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की दुर्भावनापूर्ण और जल्दबाजी में शुरूआत विद्वान एकल न्यायाधीश ने इस तथ्य पर विचार करने में और भी गलती की है कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया बजटीय आवंटन या तैयार योजना के बिना दुर्भावनापूर्ण और जल्दबाजी में शुरू की गई थी। इसके कारण गृह निर्माण विकास मंडल भूमि मालिकों को मुआवजा देने में असमर्थ रहा, जो अधिग्रहण प्रक्रिया में एक अनिवार्य कदम है। राज्य सरकार द्वारा जारी 10 नवंबर 1994 के परिपत्र में कब्जे की कार्यवाही शुरू करने से पहले मुआवजा जमा करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया खामियों को दूर करने में विफलता कलेक्टर और आयुक्त ने मुआवजा जमा न करने के संबंध में अधिग्रहण प्रक्रिया में खामियों को सही ढंग से पहचाना, लेकिन विद्वान एकल न्यायाधीश ने इस मुद्दे को स्वीकार करने और विवादित आदेश में संबोधित करने में विफल रहे। विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ता ने इस न्यायालय का ध्यान इस मूल मुद्दे पर भी ले जाया कि पूरी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया दुर्भावनापूर्ण इरादे से शुरू हुई।
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