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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
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असल में अपने दम पर जीने की ताकत सब में नहीं होती हैं। कोई बहुत खास ही होता है जो गधो के झुण्ड़ से निकलकर शेरों की तरह रास्ता बनाना जनता हैं। अपने देखा होगा की गधा कैसे मेहनत करता हैं। दिन रात काम करता हैं। अपने मालिक की गुलामी करता हैं वह बहुत जी तोड़ मेहनत करने के बाद भी रहता आखिर गधा ही है। लेकिन शेर वो पुरे दिन सोता हैं। लेकिन जब समय आता है शिकार का तब वह अपनी पूरी ताकत लगा देता है शिकार करने में वह अपना लीडर खुद होता हैं, शेर कभी किसी की गुलामी नहीं करता सकता। जितनी मेहनत गधा पुरे दिन में करता है उतनी मेहनत शेर एक मिनट में करता है लेकिन उसके द्वारा एक मिनट में की गयी मेहनत गधे द्वारा की गयी दिन की मेहनत से कई गुना होता हैं। शेर जब एक बार शिकार करता है तो फिर उसे दो तीन दिन तक शिकार करने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन गधा अगर एक दिन काम ना करे तो उसका काम नहीं चल सकता। उसका मालिक उसे भगा देगा। जी हुजूरी वाे लोग करते है उनकी मेहनत सफल तो होती हैं। पर काम वही करना पड़ता हैं, जो उनका मालिक उन्हें करने को बोलता है। वह बोलेगा की चाय लेकर आ तो चाय लानी पड़ेगी वह बोलेगा की टेबल पर थोड़ा कपड़ा मार दे तो कपड़ा मरना पड़ेगा। पर अगर तुम शुरू में ही टोक दोगे की मेरा जो काम है उसके आलावा और कोई काम नहीं कर सकता मैं, तो तुम्हारे सीनियर की हिम्मत नहीं होगी की दुबारा ये चीज बोले। जी हुजूरी करते-करते अगर तुम ऊंचाई पर पहुंच भी जाते हो तो उन लोगों के नजर में तुम्हारी इज्जत वही रहेगी की हमारे वजह से ही पहुंचा है। पर अगर तुम अपने दम पर ऊंचाई पर पहुंचने की हिम्मत रखते हो तो इस दुनिया का कोई भी आदमी नजर उठाने से पहले सौ बार सोचेगा और अगर नजर उठती भी है तो उन ऑंखों में इतनी आदर, प्यार और सम्मान होगा की तुम्हारा सीना गर्व से और चौड़ा होने लगेगा। गुलामी किसी की भी क्यों करनी है यार। क्यों किसी के पैरों में बैठ कर रोटी मांगनी है। क्या तुम वह चीज हासिल नहीं कर सकते जहां वह सख्स बैठा है जिसकी तुम गुलामी कर रहे हो। कोई भी इंसान कमजोर सिर्फ तब होता हैं जब उसका बुद्धि और उसका दिल उसे ये यकीन दिलवाता है की तू कमजोर है और अपने दिल दिमाग की नहीं अपने दिल दिमाग को कण्ट्रोल में रखो अपने मन को कण्ट्रोल में रखों। ये पुरी दुनिया भगवान ने आपको पुरे सम्मान से जीने के लिए दी है। ईश्वर के अलावा ये सिर कही झुकाने से पहले सौ बार सोचना की जहां मैं सिर झुका रहा हूँ, वह इस लायक है भी या नहीं। काम करो बहुत करो पर कभी अपने आप को किसी के पैरों में गिराना मत और ना की किसी के आगे इतना झुकना की वह आपके कमर को पावदान समझने लगगें।
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