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JJA MP HIGH COURT AD GROUP OF INSTITUTE JILA PANCHAYAT KE SAMNE WALI GALI JIWAJI GANJ MORENA MOB- 7987156609,8871648109 हमारे यहां कोर्ट स्टेनोग्राफर, कोर्ट क्लर्क, डीसीए, सीपीसीटी की तैयारी कराई जाती है। स्टेनोग्राफर बनने के लिए आज ही संपर्क करें।
created Oct 15th, 03:58 by AD GROUP OF INSTITUTE Morena Madhya Pradesh
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न्यायालय, धारा 105-ग की उपधारा (1) के अधीन या उसकी उपधारा (3) के अधीन अनुरोध-पत्र होने पर पुलिस उप-निरीक्षक से अनिम्न पंक्ति के किसी पुलिस अधिकारी को ऐसी संपत्ति का पता लगाने और पहचान करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निदेश देगा। उपधारा (1) में निर्दिष्ट कार्रवाई के अंतर्गत, किसी व्यक्ति, स्थान, संपत्ति, आस्ति, दस्तावेज, किसी बैंक या सार्वजनिक वित्तीय संस्था की लेखाबही या किसी अन्य सुसंगत विषय की बाबत जॉंच, अन्वेषण या सर्वेक्षण भी हो सकेगा। उपधारा (2) में निर्दिष्ट कोई जॉंच, अन्वेषण या सर्वेक्षण भी हो सकेगा। उपधारा (2) में निर्दिष्ट कोई जॉंच, अन्वेषण या सर्वेक्षण, उक्त न्यायालय द्वारा इस निमिति दिए गए निदेशों के अनुसार उपधारा (1) में उल्लिखित अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
जहॉं धारा 105-घ के अधीन जॉंच या अन्वेषण करने वाले किसी अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण है कि किसी संपत्ति के, जिसके संबंध में ऐसी जॉंच या अन्वेषण किया जा रहा है, छिपाए जाने, अंतरित किए जाने या उसके विषय में किसी रीति से व्यवहार किए जाने की संभावना है जिसका परिणाम ऐसी संपत्ति का व्ययन होगा वहॉं वह उक्त संपत्ति का अभिग्रहण करने का आदेश कर सकेगाा और जहॉं ऐसी संपत्ति का अभिग्रहण करना साध्य नहीं है वहॉं वह कुर्की का आदेश यह निदेश देते हुए कर सकेगाा कि ऐसी संपत्ति ऐसा आदेश करने वाले अधिकारी की पूर्व अनुज्ञा के बिना अंतरित नहीं की जाएगी या उसके विषय में अन्यथा व्यवहार नहीं किया जाएगाा और ऐसे आदेश की एक प्रति की तामील संबंधित व्यक्ति पर की जाएगी। जहॉं भारत के किसी न्यायालय के पास यह विश्वास करने के युक्तियुक्त आधार हैं कि किसी व्यक्ति द्वारा अभिप्राप्त कोई संपत्ति ऐसे व्यक्ति को किसी अपराध के किए जाने से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से व्युत्पन्न या अभिप्राप्त हुई है, वहॉं वह ऐसी संपत्ति की कुर्की या समपहरण का कोई आदेश दे सकेगा जो वह धारा 105-घ से धारा 105-अ (दोनों सहित) के उपबंधों के अधीन ठीक समझे। हाई कोर्ट की तैयारी करने के लिए आज ही हमारेे व्हाट्सप ग्रुप पर ज्वाइन हो जाईये। 7987156609,8871648109 व्हाट्सप नंबर। हमारे यहां कोर्ट स्टेनोग्राफर, कोर्ट क्लर्क, डीसीए, सीपीसीटी की तैयारी कराई जाती है। स्टेनोग्राफर बनने के लिए आज ही संपर्क करें।
जहॉं धारा 105-घ के अधीन जॉंच या अन्वेषण करने वाले किसी अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण है कि किसी संपत्ति के, जिसके संबंध में ऐसी जॉंच या अन्वेषण किया जा रहा है, छिपाए जाने, अंतरित किए जाने या उसके विषय में किसी रीति से व्यवहार किए जाने की संभावना है जिसका परिणाम ऐसी संपत्ति का व्ययन होगा वहॉं वह उक्त संपत्ति का अभिग्रहण करने का आदेश कर सकेगाा और जहॉं ऐसी संपत्ति का अभिग्रहण करना साध्य नहीं है वहॉं वह कुर्की का आदेश यह निदेश देते हुए कर सकेगाा कि ऐसी संपत्ति ऐसा आदेश करने वाले अधिकारी की पूर्व अनुज्ञा के बिना अंतरित नहीं की जाएगी या उसके विषय में अन्यथा व्यवहार नहीं किया जाएगाा और ऐसे आदेश की एक प्रति की तामील संबंधित व्यक्ति पर की जाएगी। जहॉं भारत के किसी न्यायालय के पास यह विश्वास करने के युक्तियुक्त आधार हैं कि किसी व्यक्ति द्वारा अभिप्राप्त कोई संपत्ति ऐसे व्यक्ति को किसी अपराध के किए जाने से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से व्युत्पन्न या अभिप्राप्त हुई है, वहॉं वह ऐसी संपत्ति की कुर्की या समपहरण का कोई आदेश दे सकेगा जो वह धारा 105-घ से धारा 105-अ (दोनों सहित) के उपबंधों के अधीन ठीक समझे। हाई कोर्ट की तैयारी करने के लिए आज ही हमारेे व्हाट्सप ग्रुप पर ज्वाइन हो जाईये। 7987156609,8871648109 व्हाट्सप नंबर। हमारे यहां कोर्ट स्टेनोग्राफर, कोर्ट क्लर्क, डीसीए, सीपीसीटी की तैयारी कराई जाती है। स्टेनोग्राफर बनने के लिए आज ही संपर्क करें।
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