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MPHC Junior Judicial Assistant Legal Matter || Whatsaap No.9617167001 || Join Telegram- MPHC JJA 2024

created Oct 14th, 05:52 by motivationalspeech


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आवेदकगण/वादीगण ने आगे व्यक्‍त किया है कि स्व. पुसउ कुम्हार की मृत्यु के पश्चात उक्त वादग्रस्त संपत्ति पर उनकी पुत्रियों ने अपनी स्वेच्छा  से अपना हक छोड़ दिया था इसीलिये उनकी मृत्यु  उपरांत उक्त वादग्रस्त संपत्ति पर उनकी पत्नि 6 पुत्रो के नाम से फौती नामांतरण कराया गया तथा कुछ वर्षो बाद श्रीमती किक्को बाई पति पुसउ का भी निधन हो गया। त्रुटिवश एक पुत्र वादी क्रमांक 5 दयाराम चक्रवर्ती का नाम त्रुटिवश दर्ज नही हो पाया था परंतु वह भी वादग्रस्त संपत्ति पर सभी वादीगण संयुक्त परिवार के रूप में निवासरत होकर काबिज है और उक्त वादग्रस्त संपत्ति के विधिक वारिसान होने के नाते विधिक स्वामी है, सिजरा वाद के साथ प्रस्तुत है। पुसउ कुमार की मृत्यु वर्ष 1990 मे होने के उपरांत उनके बड़े पुत्र प्रतिवादी क्रमांक 1 के पिता स्व. रामप्रसाद अपने पति एवं बच्चों  के साथ संयुक्त  परिवार से अलग हो गये थे अन्य स्थान पर निवास करने लगे थे। हाईकोर्ट की तैयारी के लिए हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुडें। ग्रुप में जुड़ने की कोई फीस नहीं ली जाएगी। आप लोग टेलीग्राम पर जाके सर्च कर सकते है एम पी एच सी जे जे 2024, उनके द्वारा उक्त वादग्रस्त संपत्ति से अपने हिस्से की मांग की गई अन्यथा किसी अन्य को अपना हिस्सा विक्रय करने की धमकी दी गई तब वादी क्रमांक 1 के पिता स्व. श्री सोनेलाल ने मौखिक करार के द्वारा वर्ष 2000 में वादी क्रमांक 2 से 5 की मौजूदगी मे राशि 20,000 रूपये नगद प्रतिवादी क्रमांक 1 के पिता स्व.श्री रामप्रसाद को दिये थे जिसके बदले मे रामप्रसाद ने उक्त  संपत्ति से अपना हक छोड़ दिया था और अपने हिस्से का कब्जा भी वादी क्रमांक 1 पिता सोनेलाल को सौंप दिया था।
    आदेकगण वादीगण ने आगे व्यक्त किया है कि इस प्रकार उनका उक्त  वादग्रस्त संपत्ति पर कोई हक अधिकार नही रह गया था परंतु राजस्व अभिलेखों एवं नगर निगम अभिलेखों में प्रतिवादी क्रमांक 1 के पिता स्व.रामप्रसाद का नाम वादीगण द्वारा नहीं कटाया गया।  
 

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