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CAREER ACADEMY FOR STENO & TYPING INSTITUTE MORENA (MP) (9907025268) CPCT, DCA, PGDCA, STENO admission open
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उपाध्यक्ष महोदय, वित्तमंत्री के देश की आर्थिक स्थिति और निर्धनता के संबंध में जितनी जानकारी प्राप्त होती है उतनी किसी अन्य मंत्री को संभव नहीं होती। बजट बनाते समय वैसे तो बजट में आय व्यय का ब्यौरा होता ही है, लेकिन मूल रूप में देश की आर्थिक नीतियों में किस प्रकार का परिवर्तन तथा किस मार्ग पर वह देश को चलाना चाहते हैं, सरकार का लक्ष्य क्या है, इन सब नीतियों का बजट में विवरण होता है। हमारे वित्त मंत्री चाहे जिस पर भी रहे हों, चाहे वे मुख्यमंत्री रहे हो या केंद्रीय सरकार में रहे हो, उन्होने शानदार काम किया। जिस समय उन्होंने बजट प्रस्तुत किया उस समय देश को और विशेष रूप से गरीबों को उन से बहुत-सी आशाएँ थी। उसके संबंध में देश को जनता को उनसे बड़ी आशाएँ थीं और जनता देखना चाहती थी कि इस अवसर पर सरकारी नीतियों के द्वारा देश को वे क्या मार्गदर्शन देना चाहते हैं।
इस दृष्टि से तीन महत्वपूर्ण बातें इस समय देश के सामने थीं- देश का आर्थिक विकास तेजी से हो, अधिक लोगों को काम मिल सकें और मूल्यों में स्थिरता आए। जहाँ तक इन तीन उद्देश्यों का संबंध है हमने देखा कि उस ओर कुछ प्रयत्न हुए हैं। विशेष रूप से गरीबी हटाओं के संबंध में इस देश में जो चर्चा चल रही है, इस बजट में कुछ सीमा तक उसका उल्लेख मिलता है, क्योंकि जितने भी प्रत्यक्ष कर लगे हैं वे ज्यादातर धनी लोगों पर और विशेष रूप से शहर के लोगों पर लगाए गए है। इस तरह से जो एक प्रकार की आर्थिक असमानता हमारे देश में चल रही है, उसकी दूर करने का प्रयत्न अवश्य किया गया है।
लगभग पाँच दशक पूर्व जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ था उस समय देश में जितने सरकारी कर्मचारी थे, वे ऐसा समझ बैठे थे कि अब तक देश में जिस तरह से अंग्रेजों का प्रशासन चल रहा था उस तरह से काम नहीं चलेगा, क्योंकि कांग्रेस के जो नए लोग आए थे, जो मंत्री बने थे, वे लोग धन के मामले में त्यागी आदमी हैं, धन से उनको मोह नहीं है। लेकिन बाद में उन्होंने देखा कि हमारे मंत्री लोग भी उसी तरह से शानदार जीवन पसंद करने लग गए, जिस तरह से अंग्रेज करते थे।
इस दृष्टि से तीन महत्वपूर्ण बातें इस समय देश के सामने थीं- देश का आर्थिक विकास तेजी से हो, अधिक लोगों को काम मिल सकें और मूल्यों में स्थिरता आए। जहाँ तक इन तीन उद्देश्यों का संबंध है हमने देखा कि उस ओर कुछ प्रयत्न हुए हैं। विशेष रूप से गरीबी हटाओं के संबंध में इस देश में जो चर्चा चल रही है, इस बजट में कुछ सीमा तक उसका उल्लेख मिलता है, क्योंकि जितने भी प्रत्यक्ष कर लगे हैं वे ज्यादातर धनी लोगों पर और विशेष रूप से शहर के लोगों पर लगाए गए है। इस तरह से जो एक प्रकार की आर्थिक असमानता हमारे देश में चल रही है, उसकी दूर करने का प्रयत्न अवश्य किया गया है।
लगभग पाँच दशक पूर्व जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ था उस समय देश में जितने सरकारी कर्मचारी थे, वे ऐसा समझ बैठे थे कि अब तक देश में जिस तरह से अंग्रेजों का प्रशासन चल रहा था उस तरह से काम नहीं चलेगा, क्योंकि कांग्रेस के जो नए लोग आए थे, जो मंत्री बने थे, वे लोग धन के मामले में त्यागी आदमी हैं, धन से उनको मोह नहीं है। लेकिन बाद में उन्होंने देखा कि हमारे मंत्री लोग भी उसी तरह से शानदार जीवन पसंद करने लग गए, जिस तरह से अंग्रेज करते थे।
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