eng
competition

Text Practice Mode

VSCTI, T.R. PURAM, MORENA, DIRECTOR SS YADAV MOB: 6263735890

created Jul 7th, 04:47 by StenographerAmitJakhon


0


Rating

391 words
8 completed
00:00
सभापति महोदय, सदन के समक्ष दहेज प्रथा के संबंध में जो विधेयक प्रस्‍तुत किया गया है वह बहुत ही उपयोगी तथा महत्‍वपूर्ण विधेयक है। मैं इस सदन से निवेदन करना चाहता हूं कि इस विधेयक पर विस्‍तार से चर्चा की जाए और ऐसा कानून बनाने की सिफारिश की जाये जिससे समाज की इस बहुत बड़ी बुराई को जड़ से मिटाया जा सके मैं यह भी मानता हूं कि समाज की इस बुराई को कानून के द्वारा जल्‍दी दूर नहीं किया जा सकता है। कानून के साथ साथ कुछ ऐसे कार्यक्रम भी हमें बनाने होंगे जिनके माध्‍यम से देश की जनता को इस बुराई के विषय में अच्‍छी तरह से समझाया जा सके। दहेज प्रथा पुराने समय में हिन्‍दू धर्म में प्रचलित थी लेकिन अब धीरे धीरे यह प्रथा सभी धर्मों में बीमारी की तरह फैल चुकी ही है अब धीरे धीरे एक व्‍यवसाय का रूप ले चुकी है। हिन्‍दू समाज में विवाह भी एक पवित्र धार्मिक कार्य माना जाता था ल‍ेकिन उसके साथ साथ धन दौलत और लेन देन का व्‍यवसाय भी जुड़ गया है। महोदय, इस बुराई को दूर करने के लिए हमें कानून भी बनाना होगा और साथ साथ पूरे देश में इसके लिए हमें एक जनमत भी तैयार करना होगा जिससे लोग इस बुराई के विषय में अच्‍छी तरह से जान सकें। बाल विवाह को रोकने के लिए कानून बना हुआ है लेकिन हम देखते हैं कि हजारों बाल विवाह हो रहे हैं। इसका पता तो सरकार को है और ही ऐसे लोगों को सजा मिलती है। इसलिए केवल कानून बनाकर बैठ जाना उचित नहीं है। सरकार को समय समय पर इस बात का भी पता लगाना चाहिए कि कानून का पालन हो रहा है या नहीं। मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि केवल कानून बनाने मैं सामाजिक बुराई को समाप्‍त नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार की सामाजिक बुराई को समाप्‍त करने से लिए हमें समाज में जाकर समाज में काम करना होगा। आम जनता को घर घर जाकर दहेज जैसी बुरी प्रथा के विषय में जानकारी देनी होगी। उन्‍हें यह भी बताना होगा कि यदि इस प्रथा को समाप्‍त नहीं किया गया तो उनका विकास कभी नहीं हो सकेगा और वे सदा गरीबी में अपना जीवन बिताते रहेंगे। इस कार्य के लिए हमें देश में ऐसी संस्‍थाएं बनाने का प्रयत्‍न करना होगा जो देश सेवा की भावना से काम करें।  
 

saving score / loading statistics ...