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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jul 4th, 08:59 by lucky shrivatri


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इसे पाठ्यक्रमों से जुड़ी खामी ही कहा जाएगा कि स्‍कूली शिक्षा के अंतिम पड़ाव तक आते-आते विद्यार्थी की कॅरियर की राह तलाशना काफी मुश्किल हो जाता है। अभिभावकों के लिए यह दौर काफी विचार-विमर्श वाला होता है जब उन्‍हें बच्‍चों को आगे के पाठ्यक्रमों में दाखिला करना होता है। राष्‍ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा एक से बारह के बच्‍चों के रिपोर्ट कार्ड का नया प्रारूप तय करने की तैयारी की है। इस रिपोर्ट कार्ड में बच्‍चे से जुड़ी समग्र जानकारी होगी जिसमें नंबरों के बजाए बच्‍चों के समग्र विकास पर ध्‍यान दिया जाएगा।  
खास बात यह है कि अब तक रिपोर्ट कार्ड बच्‍चों की साल भर की परीक्षाओं में उपलब्धि को देखकर तैयार होते थे। नए सिस्‍टम में केवल शिक्षकों का मूल्‍यांकन होगा बल्कि सहपाठियों और अभिभावकों के फीडबैक को भी रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया जाएगा। एनसीईआरटी इस पहल का स्‍वागत किया जाना चाहिए नंबर और ग्रेड आ‍धारित रिपोर्ट कार्ड बच्‍चों की समग्र प्रतिभा को सामने नहीं ला पाता। परीक्षओं के जरिए बच्‍चे के कौशल और विकास की संभावनाओं का आकलन ठीक से करना संभव नहीं हो पाता। फिलहाल कक्षा 9 से 12 तक के रिपोर्ट कार्ड में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है जो रिपोर्ट कार्ड नई व्‍यवस्‍था से तैयार होगा उसमें संबंधित विद्यार्थी के साथ-साथ शिक्षक अभिभावक और सहपाठियों का फीडबैक भी शामिल किया जाएगा। सीधे तौर पर पूरे साल में बच्‍चे ने क्‍या सीखा और उसमें किस तरह की संभावनाएं हैं, इसका आकलन भी आसानी से किया जा सकेगा। परम्‍परागत रिपोर्ट कार्ड में सिर्फ शिक्षक की ओर से छात्र के मूल्‍यांकन का उल्‍लेख होता है लेकिन इस रिपोर्ट कार्ड में शिक्षक का मूल्यांकन भी हो सकेगा। बच्‍चों की अपनी राय का जब रिपोर्ट कार्ड में उल्‍लेख होगा तो स्‍वाभाविक रूप से उन्‍हें भावी जीवन में अपनी रूचि वाले क्षेत्र में कदन रखने में आसानी होगी। सबसे बड़ी बात यह कि रिपोर्ट कार्ड के नए प्रारूप के तहत माता-पिता भी अपने बच्‍चों की कमिर्यो खूबियों को लेकर शिक्षकों से संवाद कर सकेंगे।  
मौजूदा सत्र में सिर्फ रिपोर्ट कार्ड को लेकर शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा। लेकिन इसके बाद बनने वाले रिपोर्ट कार्ड इस बात को लेकर भी उपयोगी साबित होंगे कि स्‍कूल शिक्षा के बाद बच्‍चे अपना कॅरियर किस दिशा में ले जाए।  
 
 
 
 
 

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