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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jul 2nd, 05:28 by lovelesh shrivatri
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चिली के पेटागोनिया के दो शहर हैं पुंटा एरेनास और प्योरतो नातालिस। हमारा होटल प्योरतो नातालिस से चार किलोमीटर दूर प्योरतो बौरिज में था। सच कहूं तो न तो मुझे उस होटल का पता था न ही उस छोटे- से शहर के बारे में ही कोई जानकारी थी क्योंकि हमने तो पेटागोनिया जाने की योजना ही अंटार्कटिका की यात्रा के कारण आखिरी दिनों में बनाई थीं। इसलिए हमें कोई होटल भी नहीं मिल पा रहा था। हमें तो सेंटियागो से वहां तक का टिकट ही बड़ी मुश्किल से मिला और अब मिला तो होटल में कमरों की बुकिंग और अपनी आगे की यात्रा के टिकटों में ऐसे तालमेल बैठाना था कि हम हम वापस सेंटियागो समय से पहुंच सकें ताकि अपनी अंटार्कटिका यात्रा के लिए रवाना होने वाली जार्टर्ड फ्लाइड पकड़ सके। खैर, जब हमारे एजेंट ने हमारा कमरा सिंग्युलर में तय करवाया मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि जहां हम ठहरने वाले थे वह अपने आप में एक अनूठा अनुभव होने वाला था। सिंग्युलर तो जैसा नाम वैसा ही निकला- विलक्षण या अपने किस्म का एक अकेला। जब हम वहां पहुंचे तो पहले तो चौंके क्योंकि हमारे ड्राइवर ने हमें एक टिन के छप्पर के नीचे उतार कर कहा कि सामने ही होटल का स्वागत स्थल है। यह स्वागत स्थल कुछ ऐसा था, जैसा अपने देश की फैक्ट्रियों में गाडि़यों को खड़ा करने की जगह पर होता है! वहां से पुरानी किस्म की एक लिफ्ट से हम होटल के मुख्य भवन में उतरे पर लिफ्ट से ही लगा कि हम किसी बड़ी फैक्ट्री में पहुंच रहे थे। हां, सच मे वह एक फैक्ट्री ही थी, जिसे अब संरक्षित इमारत का दर्जा दिया जा चुका है। उसका अपना एक दिलचस्प इतिहास तो था ही पर उसमें एक अनूठा संग्रहालय था औ साथ में था सब सुख-सुविधाओं वाला एक आलीशान होटल। हम भारतवासी तो ऐतिहासिक इमारतों में होटल के नाम पर महलों, किलों और हवेलियों के बारे में सोंचेंगे न कि किसी फैक्ट्री के बारे में। फिर किसी संरक्षित विरासत में होटल का चलना तो वैसे भी विवादों को जन्म दे देता है चाहे उसके संरक्षण के लिए बजट कम हो या न भी हो। पर्यटन से विरासत को संजोना किसी भी देश के लिए एक बेहतरीन तरीका है पर उसके लिए रचनात्मक और संवेदनशील सोच पहली शर्त हैं। वर्ष 1905 में यह फैक्ट्री मांस के उत्पादन और दूसरें देशों के मांसाहरी लोगो के लिए भेड़ों के मांस को सुरक्षित रखने के लिए बतौर कोल्ड स्टोरेज तैयार की गई थी। यहां की जमीन और आबोहवा भेड़ पालन के लिए बहुत अनुकूल थी तो भेड़ पालन और उनकी ऊन व मांस का व्यापार यहां बहुत चला। इस फैक्ट्री में यूूरोपसे भारी -भरकम मशीनें लगाई गई जो अब इस होटल के संग्रहालय का आकर्षण बन गई है। और लोगों को उस समय के जीवन की झलक देती है जब यहां दूसरे देशों ने भेड़ के मांस को अपने तरीके से कोल्ड स्टोरेज में रखने के साधन बनाए तो फैक्ट्री बंद हो गई। इसके भवन और इसकी मशीनों से जुड़े इतिहास को देखते हुए 1990 में इसे देश की विरासत घोषित कर दिया गया और बाद में इसके रखरखाव के लिए 2010 में यह होटल बना। यहां पुराना, भवन उस पर लगी चिमनी और पुराना फर्श बड़े सलीके से रखे गए हैं।
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