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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jun 15th 2024, 04:23 by lovelesh shrivatri
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एक जंगल में एक कबूतर, चूहा और एक हिरण तीनों घनिष्ठ मित्र रहा करते थे। जंगल में बने सरोवर में पानी पीते फल खाते और वही सरोवर के आसपास घुमा करते थे। एक समय की बात हे जंगल में एक शिकारी, शिकार करने आया उसने हिरण को पकड़ने के लिए जाल बिछाया काफी प्रयत्न और मेहनत से शिकारी ने जाल को छिपाकर लगाने में सफलता पा ली। शिकारी के जाल में हिरण आसानी से फंस गया। इस पर कबूतर ने कहा घबराओ मत मित्र मैं देखता हूं शिकारी कहां है और कितनी दूर है। मैं उसे रोकता हूं जब तक हमारा मित्र चूहा तुम्हारे जाल को कुतर देगा और तुम जल्दी से निकल जाओगे। यही हुआ कबूतर ने शिकारी को ढूंढना शुरू किया वह दूर था कबूतर ने अपने प्राण को जोखिम में डालकर शिकारी के ऊपर वार करना शुरू कर दिया। कबूतर के प्रहार से शिकारी को कुछ समझ में नहीं आया और वह परेशान होकर बचने लगा मगर कबूतर शिकारी को ज्यादा देर तक नहीं रोक पाया। शिकारी ने जल्दी ही कबूतर पर काबू पा लिया और वह जाल की ओर आया। यहां चूहे ने जाल को लगभग काट दिया था। अब हिरण आजाद होने वाला था, तभी शिकारी वहां पहुंचा इतने में कबूतर का एक झुंड वह जल्दी से आकर उस शिकारी के ऊपर ताबड़तोड़ आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण से शिकारी घबरा गया। थोड़ा सा समय उन कबूतर पर काबू पाने में लगा। इतने में चूहे ने निडर भाव से जाल को कुतर दिया जिसमें हिरण आजाद हो गया। अब क्या था हिरण और चुहा अपने रास्ते भाग चलें। कुछ दुर भागे होंगे उन्होंने पीछे मुडकर देखा तो उनका मित्र कबूतर शिकारी के चंगुल में आ गया था। हिरण ने सोचा उसने मेरी जान बचाने के लिए अपनी जान खरे में डाल दी। इस पर हिरण धीरे-धीरे लंगड़ाकर चलने लगा शिकारी को ऐसा लगा कि हिरण घायल है उसके पैर में चोट लगी है इसलिए वह धीरे धीरे चल रहा है, वह भाग नहीं सकता। शिकारी ने झट से कबूतर को छोड़ दिया और हिरण की तरफ दौड़ा। शिकारी को आता देख कबूतर उड़ कर आकाश में चल पड़ा हिरण जो अभी नकल कर रहा था वह भी तेज दौड़ कर भाग गया और चुहा दौड़ कर बिल में घुस गया। इस प्रकार तीनों दोस्तों की सूझबूझ ने एक दूसरे की रक्षा की। नैतिक शिक्षा- आपसी सूझबूझ और समझदारी हो तो किसी भी मुसीबत का सामना किया जा सकता है।
