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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट छिन्दवाड़ा म0प्र0 प्रवेश प्रारंभ (CPCT, DCA, PGDCA & TALLY)
created May 17th, 05:34 by Ashu Soni
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प्राचीन समय कि बात है एक गांव में एक स्कूल था वहां पर अन्य लड़की के साथ दो लड़के भी पढ़ते थे जो आपस में दोस्त थे। एक का नाम सोनू और एक का नाम मोनू वह काफी अच्छे दोस्त थे और पढ़ने में भी काफी इंटेलिजेंट थे सोनू मोनू अपनी क्लास में टॉपर आया करते थे। मोनू सोनू से कुछ नंबर कम लाता जिससे मोनू फर्स्ट रैंक हासिल कर पाता है तब उन्हें पूछा गया कि तुम ऐसा क्यों करते तब मोनू बोलता है कि मेरा भी वही स्थान है जो सोनू का है हां मैंने कुछ नंबर कम लाता हूं जिसकी बदौलत में सेकंड रह जाता हूं। लेकिन मोनू ने कहा कि इस बार में फर्स्ट रैंक हासिल करूंगा उसके बाद वह पढ़ाई करने लग जाता है कुछ दिन बाद सोनू की मां बीमार पड़ जाती है और वह हॉस्पिटल में रहती है जिसकी बदौलत सोनू स्कूल में नहीं आ पाता है। वह एक महीने बाद स्कूल आता है उसके बाद एग्जाम पेपर होते हैं फिर भी सोनू ही फर्स्ट आता है जब टीचर ने उनका पेपर चेक करता है तो पता चलता है कि मोनू ने काफी ऐसे सवाल है जो बड़े आसान है। लेकिन मोनू को क्या हुआ जिसकी बदौलत सेकंड रैंक आया जबर टीचर जाकर मोनू को पूछता है कि तुमने ऐसा क्यों किया। आप फर्स्ट रैंक हासिल कर सकते थे। पहले तो मोनू ने मना कर दिया उसके बाद बोलता है कि मैं ऐसे फर्स्ट रैंक नहीं करना चाहता। क्योंकि सोनू की मां बीमार होने के कारण का 1 महीने स्कूल नहीं आ पाया इसलिए मैंने उसे फर्स्ट लाने के लिए इन क्वेश्चन के आनसर छोड़े हैं टीचर सुनकर बहुत हैरान हो जाता है और बोलता है कि भले ही तुमने क्लास में सेकंड रैंक हासिल की है लेकिन अपनी रिलेशन और दोस्ती में फर्स्ट रैंक हासिल की है और वह दोनों दोस्त खुश हो जाते हैं। हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि दोस्त वही होता है जो दोस्ती की भावनाओं को समझता है।
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