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JR CPCT INSTITUTE, TIKAMGARH (M.P.) ||12 के बाद सीपीसीटी अनिवार्य || ॐ || सीपीसीटी क्‍लासेस बैंच स्‍टार्ट || ॐ || 9399470596

created May 14th, 03:53 by ParthTripathi1


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शुरुआती दौर में खेल मनोरंजन का साधन हुआ करते थे और एक बार कोई नए खेल के जाने पर वह पूरी दुनिया में प्रचलित हो जाता था। परंतु आज जो हमारे पास इतने सारे खेल हैं उनमें से अधिकतर के पीछे कोई कोई कहानी है। शतरंज भी पुराने खेलों में से एक है जिसका आविर्भाव छठी सदी में माना जाता है। खेलों को अकसर दो भागों में विभाजित किया जाता है पहला इनडोर खेल है जिसे बंद कमरे में खेला जाता है और दूसरा आउटडोर खेल है जिसे खुले मैदानों में भाग दौड कर खेला जाता है। कमरों में तथा एक तय टेबल पर अथवा किसी मानक पट पर खेले जाने वाले खेल इनडोर खेल कहलाते हैं। इसके अंतर्गत कैरम शतरंज तथा टेबल टेनिस जैसे खेल आते हैं। तो वहीं जो बाहर खेले जाते हैं उसे आउटडोर खेल कहा जाता है जिसके अंतर्गत बैडमिंटन क्रिकेट तथा हाकी फुटबाल तथा टेनिस जैसे खेल आते हैं। शतरंज एक इनडोर खेल है और यह भी एक वजह है इसके इतने लोकप्रिय होने का। शतरंज को दिमाग वाला खेल कहा जाता है जिसे खेलने के लिए दिमाग की जरुरत होती है। शायद यही वजह भी है कि हमारे अभिभावक पढाई के बीच ऐसे खेल को बढावा देते हैं। समय के अनुसार इस खेल में भी बहुत से परिवर्तन आए। जिस दौर में इस खेल कि शुरूआत हुई थी तब रण का दौर था। उस समय रण किए तो जाते थे परंतु शत्रु की मानसिकता को जानना बहुत कठिन हुआ करता था। ऐसे में यह खेल बहुत ही सहायक साबित हुआ और बिन मैदान में गये दिमाग के बदौलत रण कला को समझना और भी आसान हो गया। कई राजा पहले शत्रु को खातिरदारी के बहाने घर बुला कर शतरंज खेल से उनके मन में चल रही चाल को समझ जाया करते थे। पहले इस खेल में उंट कि जगह नाव हुआ करते थे लेकिन आगे चलकर जब यह खेल अरब पहुंचा तब वहां मरुभूमि होने के कारण नाव कि जगह उंट ने ले ली। शतरंज का प्रारंभिक नाम चतुरंग था जिसकी चर्चा बाणभट रचित हर्षचरित्र नामक किताब में मिलती है। चतुरंग का एक और नाम चतुरंगिनी था जिसका अर्थ एक ऐसी सेना के होने से है जिसके चार अंग होते हैं पहला पैदल दूसरा तुरंगारूढ और फिर हाथी पर सवार और अंत में रथ सवार। इस प्रकार कि सेना मौर्य काल में पहली बार देखी गई थी। कुल मिलाकर इसे सेना का खेल कहा जाता था। इन सब के अलावा यह भी माना जाता है कि रावण कि भार्या मंदोदरी जो कि एक विदुषी थी उसने अपने पति को अपने समीप रखने के लिए इस खेल कि रचना की थी। रावण का अधिकतर समय रणानुशीलन में चला जाता था। इस खेल कि सहायता से मंदोदरी ने अपने पति को अपने पास रखने का एक सफल प्रयास किया था। हम यह कह सकते हैं कि शतरंज एक रोचक खेल है और हमारे दिमागी विकास में यह अहम भूमिका निभाता है। हर साल लाखों लोग इस क्षेत्र में अपनी तकदीर आजमाते हैं। भारत सरकार भी खेल कूद को है है बढावा देने के लिए हर वर्ष लाखों रुपये खर्च करती है। जिससे लोगों को यह संदेश जाता है कि खुद भी खेलें और दूसरों को भी प्रेरित करें। अब खेलेगा कूदेगा तो होगा खराब नहीं बनेगा महान का नारा लगता है।  
 

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