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बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 प्रवेश प्रारंभ (CPCT, DCA, PGDCA & TALLY)

created Apr 2nd, 06:40 by Ashu Soni


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जवाहर लाल नेहरू के पंडित होने की वजह से लोग पंडित नेहरू भी पुकारते थे तथा भारत में उनकी लोकप्रियता होने के वजह से भारतीय  चाचा नेहरू कहकर भी बुलाते थे। तीन भाई बहनों में जवाहर लाल नेहरू अकेले भाई थे इनके अलावा इनकी दो बहने थीं। पूरे राजनीतिक  विवादों से दूर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की नेहरू एक शीर्ष लेखक थे। उनकी अधिकतर रचना जेल में ही लिखी गई है। पिता के पत्र पुत्री के नाम दुनिया इतिहास की झलक तथा मेरी कहानी नेहरू की आटो बायोग्राफी इतिहास के महापुरूष तथा भारत की खोज यह कुछ महान रचनाएं नेहरू के कलम से लिखी गयी। यह आज भी लोगों के बीच उतनी ही लोक प्रिय है जितना की उस समय थी। कांग्रेस समीति का वार्षिक सत्र मोतीलाल नेहरू की अगुवाई में आयोजित किया गया। उस समय पर मोतीलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार के अंदर ही अधिकार पूर्ण देश का दर्जा पाने की मांग की। जबकि जवाहर लाल नेहरू तथा सुबास चंद्र बोस ने पूरी राजनीतिक आजादी की मांग की। यहां पहली बार जवाहर लाल नेहरू अपने पिता के निर्णय का विरोध कर रहे थे। यह आजाद भारत के लिए उचित निर्णय था। कुछ लोगों के अनुसार गांधी जी की वजह से नेहरू को प्रधानमंत्री का पद मिला। माना जाता है कि कांग्रेस पार्टी का मुखिया ही प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालेगा यह तय था। इसके बाद भी गांधी ने सरदार पटेल समेत कई काबिल नेताओं की जगह पर नेहरू को कांग्रेस पार्टी के मुखिया के रूप में चुना। जो भी हो नेहरू ने अपने पद की प्रभुता को समझते हुए अनेक बेहतर प्रयास कर आधुनिक भारत का निर्माण किया है। चाचा नेहरू के बालकों के प्रति असीम प्रेम की वजह से चौदह नवंबर को नेहरू जी के अवतरण दिवस को बाल दिवस के रूप में देश की सभी पाठशालाओं में मनाया जाता है। इस दिन बालकों को खास महसूस कराने के लिए पाठशाला में कई प्रकार की प्रतियोगिता तथा खेल का आयोजन किया जाता है। पंडित नेहरू ने पचास के दशक में कई राजनैतिक आर्थिक तथा समाजिक निर्णय देश के आने वाले आधुनिक कल को सोच कर लिए। पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा था मैं चाहता हूं कि मेरी थोडी सी राख को प्रयाग संगम में बहा दिया जाए जो भारत के दामन को चूमते हुए समंदर में जा मिले लेकिन मेरी राख का अधिक भाग हवाई जहाज से ले जाकर खेतों में बिखेर दिया जाए वो खेत जहां हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की खाक में मिल जाए। ब्रिटिश सरकार ने लगभग पांच सौ छोटे बडे रियासतों को आजाद किया। इन सभी रियासतों को पहली बार एक झंडे के नीचे लाना चुनौतीपूर्ण कार्य था पर नेहरू जी ने कई महापुरुषों की मदद से इस कार्य में सफलता हासिल की। आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू जी का विशेष योगदान है। उनकी नीतियों के परिणाम के रूप में आज पंचवर्षीय योजना के जरिये कृषि तथा आजीविका में विकास देखा जा सकता है। जाने माने तथा धनवान परिवार से संबंध होने के परिणाम के कारण नेहरू जी का पालन पोषण बहुत ही नाजो से किया गया था। इसके बावजूद वह अपने देश की माटी से जुडे हुए थे। बालकों में लोक प्रियता की वजह से लोग आजतक चाचा नेहरू कहकर संबोधित करते हैं।

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