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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ आपकी सफलता हमारा ध्येय ✤|•༻
created Mar 22nd, 05:32 by typing guri
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राजा अकबर अक्सर कई मुद्दों पर बीरबल से चर्चा किया करते थे तथा साथ ही बीरबल की बुद्धि की परीक्षा भी लेते रहते थे। वहीं, बीरबल भी किसी भी मुद्दे का समाधान बड़े ही रोचक तरीके से बताते थे। एक दिन की बात है राजा अकबर तथा बीरबल दोनों उनके शाही बगीचे में घूम रहे थे। दोनों के बीच किसी गंभीर मुद्दे पर बात हो रही थी कि उसी वक्त अचानक राजा अकबर के मन में बीरबल की परीक्षा लेने का विचार आया। राजा अकबर ने पास में रखी हुई एक लकड़ी की तरफ इशारा करते हुए बीरबल से पूछ लिया, बीरबल मुझे एक बात बताओ, ये जो सामने लकड़ी रखी हुई है, क्या इसको तुम काटे बिना छोटा कर सकते हो। बीरबल, राजा अकबर के दिमाग की बात भांप गए एवं वो लकड़ी राजा अकबर के हाथ में देते हुए कहने लगे, हां महाराज मैं अवश्य इस लकड़ी को छोटी कर सकता हूं। राजा अकबर बोले, परन्तु किस तरीके से उसी समय बीरबल ने वहां पास में रखी हुई एक बड़ी लकड़ी उठा ली एवं राजा अकबर को देते हुए पूछा, महाराज इन दोनों में कौन-सी लकड़ी छोटी है। राजा अकबर बीरबल की चतुराई जान गए एवं छोटी लकड़ी बीरबल को पकड़ाते हुए कहने लगे, वास्तव में बीरबल तुमने बिना लकड़ी को काटे ही छोटी कर दी है। उसके बाद दोनों जोर-जोर से ठहाके लगाने लगे। इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, दिमाग का उपयोग करके उससे बाहर निकलने का रास्ता ढूंढा जा सकता है।
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