eng
competition

Text Practice Mode

JR CPCT INSTITUTE, TIKAMGARH (M.P.) 8 AUG 2021 Shift 1 ~CPCT ADMISSION OPEN ~ MOB. 9399470596

created Mar 12th, 03:48 by JRINSTITUTECPCT


0


Rating

514 words
3 completed
00:00
काफी साल पुरानी बात है, एक छोटे से कस्बे में रहने वाले एक किसान पर दुर्भाग्यवश साहूकार का काफी कर्जा हो गया। साहूकार जो कि उम्रदराज मौ और बदसूरत भी था, किसान की खूबसूरत बेटी पर बुरी नजर रखता था और मौके का फायदा उठाते हुए उसने किसान के सामने प्रस्ताव रखा कि यदि वह अपनी बेटी की शादी उससे करने को तैयार हो तो वह उनका कर्ज माफ पर सकता है। साहूकार की इस चाल से किसान और उसकी बेटी बहुत दुखी और परेशान थे। साहूकार ने उन्हें बताया कि वह एक खाली बैग में एक काला पत्थर और एक सफेद पत्थर डाल देगा। किसान की बेटी को आँख बंद करके बैग में एक पत्थर निकालना होगा। अगर वह काला पत्थर उठा लेती, तो वह साहूकार की पत्नी बन जाती और उसके पिता का कर्ज माफ हो जाता। अगर वह सफेद पत्थर उठा लेती है तो उसे उससे शादी करने की जरूरत नहीं है और उसके पिता का कर्ज भी माफ कर दिया जाएगा। लेकिन अगर उसने कोई भी पत्थर उठाने से इनकार कर दिया, तो उसके पिता को जेल में डाल दिया जाएगा। जाहिर है कि बेटी के पास साहूकार का प्रस्ताव स्वीकार करने के अलावा कोई रास्ता था। उस वक्त वे सब बगीचे में एक छोटे छोटे पत्थरों वाले रास्ते पर घूम रहे थे। साहूकार रास्ते से दो छोटे छोटे पत्थर उठाने के लिए झुकता है, जैसे ही उसने उनहें उठाया, तो किसान की तेज तर्रार बेटी ने देखा कि उसने रास्ते से केवल काले रंग के ही दो छोटे पत्थर उठाए हैं और उन्हें बैग में डाल दिया है। फिर उसने किसान की बेटी को बैग से अपना पत्थर चुनने के लिए कहा। किसान की बेटी बैग में से पत्थर निकालने के लिए झुकी और जैसे ही उसने एक पत्थर निकाला तो उसने अचानक से अपना संतुलन खराब हो जाने का बहाना किया और बिना देखे ही उस पत्थर को रास्ते के अन्य पत्थरों के बीच हाथ से गिर जाने दिया जहां अन्य पत्थरों के बीच खो गया। ऐसा करते ही किसान की बेटी अचानक से बोली कि और यह तो मेरे से तो गलती हो गई कि लेकिन खैर कोई बात नहीं, हीं अभी बैग में दूसरा पत्थर तो रखा ही हुआ उसे देख लेते हैं तो पता चल जाएगा कि जो पत्थर गिरा है वह किस रंग का था। चूंकि बैग में शेष बचा हुआ पत्थर निश्चित रूप से काला ही होना था इसलिए यह माना गया खि किसान की बेटी ने सफेद पत्थर का चुनाव किया था क्योंकिक्यों साहूकार बैग में दोनों काले पत्थर डालने की अपनी बेईमानी तो स्वीकार कर नहीं सकता था। इस प्रकार किसान की बेटी अपनी बुध्दिमानी से एक असंभव से लगने वाले कार्य को भी अपने पक्ष में करने में कामयाव हुई, और बेईमान साहूकार की बेईमानी का उत्तर उसकी ही भाषा में उसको भली प्रकार मिल गया। यह कहानी समस्या के पहलुओं पर गौर करके तार्किक सोच के आधार पर संभावनाओं पर विचार करके समयोचित निर्णय लेने के महत्व को बताती है। यह मूल रूप से एक प्रसिध्द लेखक एडवर्ड डी बोनो द्वारा लिखी गई है।  
 

saving score / loading statistics ...