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मगंल टाईपिंग (INDIANA)
created Feb 15th, 05:09 by gg
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बहुत समय पहले की बात है। किसी शहर में एक व्यापारी रहा करता था। अपनी दिन-रात की कड़ी मेहनत से उसने अपने कारोबार को ऊंचाइयों तक पहुंचाया था, लेकिन अब वह बूढ़ा हो चुका था। इसलिए अपना सारा कारोबार वह अपने तीनों बेटों में से किसी एक को देना चाहता था, जो सबसे अधिक बुद्धिमान और योग्य हो। एक दिन उसने अपनी तीनों बेटों को बुलाया और उन्हें अपने मन की सारी बात बताई। उसके तीनों बेटे बहुत खुश हुए, तब व्यापारी ने कहा कि इसके लिए मैं तुम सभी की परीक्षा लूंगा, और जो इस परीक्षा में पास हो जाएगा, उसे अपना सारा कारोबार सौंप दूंगा। बस, इसके लिए तुम्हें बौद्ध मठ में जाकर कंघिंयां बेचकर आनी होंगी। अपनी पिता की बात सुन कर तीनों पुत्र हैरान हुए, क्योंकि बौद्ध मठ के भिक्षुओं के सिर पर बाल नहीं होते हैं। हालांकि पिताजी द्वारा सौपा गया कार्य उन्हें पूर्ण करना था। दो दिन बाद व्यापारी का बड़ा बेटा आया, उसने बताया कि वह दो कंघियां बेच पाया है। अगले दिन मझंला बेटा जो दस कघिंया बेचकर आया, उसने भिक्षुओं को सलाह दी कि जो भी आंगतुक या तीर्थ यात्री आये ये उनको दे दीजिएगा। आखिर में छोटा बेटा आया, उसने अपने पिता जी को बताया कि वह एक हजार कंघिंया बेच चुका है। उसने भिक्षुओं से कहा कि आप इन कघिंयों पर भगवान बौद्ध के शिक्षाओं को अंकित करके अपने यात्रियों को दें जिससे वे भगवान बैद्ध को शिक्षा को सहज की ग्रहण कर सकें।
आखिरकार छोटा पूत्र शर्त जीत गया। और उसके पिताजी ने खुश होकर उसको अपने सारे करोबार का वारिस बनाया।
इस कहानी के सार पर न जाए। ये केवल आपके टाईपिंग के लिए लिखा गया है। यदि इसमें कोई त्रुटि हो तो में दिल से क्षमा प्रार्थी हूं।
धन्यवाद
आखिरकार छोटा पूत्र शर्त जीत गया। और उसके पिताजी ने खुश होकर उसको अपने सारे करोबार का वारिस बनाया।
इस कहानी के सार पर न जाए। ये केवल आपके टाईपिंग के लिए लिखा गया है। यदि इसमें कोई त्रुटि हो तो में दिल से क्षमा प्रार्थी हूं।
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