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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Feb 10th, 05:58 by lovelesh shrivatri


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सभापति महोदय, जिस भाव से मैंने यह बिल पेश किया है उसके महत्‍व को सरकारी और विरोधी पक्ष दोनों ने एक मत से अनुभव किया है कि देश में बेकारी की समस्‍या एक भयंकर रूप धारण कर रही है और इसके कारण हमारे देश का विकास चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक हो या सांस्‍कृतिक हो रूका हुआ है। पिछले 55 वर्षों से इसी परिस्थिति का निर्माण होते हुए हम देख रहे है कि मंत्री महोदय ने यह पर अभी कहा कि राष्‍ट्रपति इस काम को नहीं कर सकते है क्‍योंकि यह उनके अधिकार के बाहर है। आप जब भी यह देखते हैंं कि किसी राज्‍य में वह की व्‍यवस्‍था वह का विकास ठीक नहीं हो रहा है तो उस राज्‍य में राष्‍ट्रपति का शासन लागू कर देते है। जब किसी राज्‍य में अराजकता बढ़ रही हो विकास का काम समाप्‍त हो गया हो और वहां के नेता जिम्‍मेदारी से काम नहीं करते ह‍ो तो वहां पर राज्‍यपाल का शासन लागू कर दिया जाता है। ऐसे अनेक उदाहरण हमारे देश में मौजूद है। इसी प्रकार हमारे राष्‍ट्रपति सबसे जरूरी अधिकरी है और अगर देश में इस तरह की स्थिति काफी समय तक चलती रही तो राष्‍ट्रपति को आपातकालीन स्थिति में इस देश की सुरक्षा के लिए इस देश की प्रगति के लिए सारी जिम्‍मेदारी अपने हाथ में लेने का अधिकार है। हमारे भाइयों ने बहुत से उदाहरण दिए कि राज्‍यों संयुक्‍त सरकारे नहीं चली लेकिन उसके पीछे राजनीतिक  मामले थे। अगर कोई राजनीतिक पार्टी जिम्‍मेदारी राष्‍ट्रपति की है। मैं आपको एक उदाहरण देना चाहता हूँ संविधान में आदिवासी हरिजनों की उन्‍नति के लिए प्रण किया गया था कि 10 वर्ष में उनकी सामाजिक तथा आर्थिक स्‍थिति को सुधार देंगे लेकिन ये सरकार उसमें असफल रही इस समय को चार बार 10
-10 सालों के लिए बढ़ाया जा चुका है लेकनि फिर भी उनकी आर्थिक और सामाजिक उन्‍नति नहीं हो रही हैं इसमें यह सरकार बिल्‍कुल असफल रही। पिछले सत्र में इस विषय पर सरकार के विरूद्ध अविश्‍वास का प्रस्‍ताव भी आया था इसलिए मेरा कहना है कि भारत में इस समय जो बेकारी की समस्‍या है वह इस ढंग की समस्‍या जिसके रहते सारे देश को उन्‍नत बनाने की व्‍यवस्‍था हम सोच रहे है।  

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