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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

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हर मनुष्‍य विश्‍व में एक ऐसा पोल है, जो विचारों को प्रसारित करता है, साथ ही विचारों को ग्रहण भी करता है। जैसे बाहर के सभी खंभों में तार जुड़े होते है। वैसे ही मनुष्‍य भी विचारों के तार के जरिए एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। जैसे ही आप नकारात्‍मक विचारक हुए तो सभी नकारात्‍मक लोगों की शक्ति आपकी तरफ आनी शुरू हो जाती है। निराशा के विचार से विश्‍व की सारी नकारात्‍मक चीजें आपकी तरफ आनी प्रारम्‍भ हो जाती है। यदि मानव लगातार नकारात्‍मक सोचता रहे तो विश्‍व के हर कोने से उसके पास नकारात्‍मक चीजें पहुंचती जाती है। जो मनुष्‍य सकारात्‍मक सोचता है, उसके पास सकारात्‍मक लोगों की शक्ति पहुंचती है, जिससे वह स्‍वस्‍थ और समृद्ध बनता है। यदि हमारे सम्‍पर्क में नकारात्‍मक विचारों वाले लोग आते है तो हमें अपना दृष्टिकोण उनके प्रति बदलना है। जैसे सोने की खान में खुदाई करते हुए उसमें से पहले मिट्टी ज्‍यादा निकलती है, बाद में सोना निकलता है और खुदाई करने वाले का ध्‍यान सोने की तरफ ज्‍यादा होता है तथा मिट्टी की तरफ कम। वैसे ही जब हम नकारात्‍मक लोगों को सकारात्‍मक दृष्टिकोण से, गहराई से जानगे तो उनमें भी कोई कोई बात हमें सकारात्‍मक नजर आएंगी। अत: हमारी दृष्टि हमेशा पहले सकारात्‍मक पहलू पर जाए।  

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