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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Dec 6th 2023, 12:08 by rajni shrivatri
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एक रानी को अपने सौदर्य पर बहुत गुमान था। लेकिन गुणों में वो सौंदर्य के बिलकुल विपरीत थी। वह एक अवगुणी रानी थी। लेकिन लोग डरकर उनके सामने तो कुछ नहीं कहते थे पर पीठ पीछे उनकी बहुत बुराई करते थे। एक दिन वह वेश बदलकर नगर भ्रमण पर अपनी खूबसूरती के किस्से सुनने के लिए निकली। उसने नगर की महिलाओं से रानी के बारे में पूछा, तुम्हारी रानी कैसी है? सुना है वह बहुत अधिक खुबसूरत है। सभी महिलाओं ने उसके अवगुणों का बखान करना शुरू कर दिया, ऐसी खूबसूरती का क्या मतलब जिसमें एक गुण सुंदर नहीं हो। रानी को अपने बारे बारे में ऐसी बातें सुनकर बड़ा कष्ट हुआ। एक महिला ने कहा, हमारी रानी उस वृक्ष की भांति हैं जिसका फूल देखने में अति सुंदर है लेकिन उसका फल एकदम कड़वा है। किसी भी व्यक्ति की सुंदरता उसके गुणों से होती है न कि उसके ऊपरी सौदर्य से। रानी अपने बारे में ऐसी बातें सुनकर हैरान रह गई। उसे अपने बारे में सब कुछ पता चल गया। और उसने उस दिन से अपने सौदर्य का गुमान छोड़ दिया। उसे यह भी समझ में आ गया कि व्यक्ति की सुंदरता उसके सौदर्य या खूबसूरती से नहीं बल्कि उसके गुणों से होती है। गुण ही व्यक्ति का सबसे श्रेष्ठ सुंदर गहना होता है। और उस दिन से रानी ने अपने सभी अवगुणों को त्याग दिया और एक गुणी रानी बनने का मन बना लिया।
