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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इंंस्टीट्यूट छिंंदवाड़ा म0प्र0 (ADMISSION OPEN - DCA, PGDCA, CPCT & TALLY) MOB. NO. 8982805777
created Feb 1st 2023, 14:17 by Vikram Thakre
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एक संत थे। उनके पास एक कीमती कम्बल था। एक दिन कोई वह कम्बल चुरा ले गया। कुछ दिन बाद संत ने बाजार में एक व्यक्ति को वही कम्बल एक दुकानदार को बेचते देखा। दुकानदार उस व्यक्ति से कह रहा था कि यह कम्बल तुम्हारा है या चोरी का। इस बात का क्या प्रमाण है? अगर कोई सज्जन व्यक्ति आकर गवाही दे तो मैं यह कम्बल खरीद सकता हूं। संत जी पास में ही खड़े थे। उन्होंने दुकानदार से कहा, मैं इसकी गवाही देता हूँ। तुम इसे भुगतान कर दो। संत के शिष्यों ने उनसे पूछा कि आपने ऐसा क्यों किया? तब संत ने कहा, यह बेचारा बहुत गरीब है। गरीबी के कारण ही इसने ऐसा काम किया है। हमें हर स्थिति में गरीबों की मदद करनी चाहिए। संत के ये वचन सुनकर वह व्यक्ति उनके पैरों पर गिर पड़ा और फिर कभी चोरी न करने का वादा किया। निर्णय करने से पूर्व हमें परिस्थितियों को भी जरूर देखना चाहिए।
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