eng
competition

Text Practice Mode

बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट मेन रोड़ गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा मो0नं0 8982805777 प्रो.सचिन बंसोड (CPCT, DCA, PGDCA) प्रवेश प्रारंभ

created Jan 20th 2023, 01:21 by Vikram Thakre


1


Rating

297 words
21 completed
00:00
काफी समय पहले की बात है एक आदमी रेगिस्‍तान में फंस गया था वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्‍छी और सुंदर जगह है अगर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्‍छे-अच्‍छे पेड़ उग रहे होते और यहां पर कितने लोग घूमने आना चाहते होंगे
 मतलब ब्‍लेम कर रहा था कि यह होता तो वो होता  और वो होता  तो शायद ऐसा होता ऊपरवाला देख रहा था। अब उस इंसान ने सोचा यहां पर पानी नहीं दिख रहा है उसको थोड़ी देर आगे जाने के बाद उसको एक कुआं दिखाई दिया जो कि पानी से लबालब भरा हुआ था काफी देर तक  विचार-विमर्श करता रहा खुद से फिर बाद उसको वहां पर एक रस्‍सी और बाल्‍टी  दिखाई दी  इसके बाद कहीं से एक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कि यहां पर पानी का कोई स्‍त्रोत  नहीं है। अब तुम्‍हारे पास पानी का स्‍त्रोत भी है अगर तुम चाहते हो तो यहां पर पौधे लगा सकते हो वह चला गया। अगर आप परिस्थितियों को दोष देना चाहते हो कोई दिक्‍कत नहीं है। लेकिन आप परिस्थितियों को दोष देते हो कि अगर यहां पर ऐसा  हो और आपको वह सोर्सेस मिल जाए तो क्‍या परिस्थिति को बदल सकते हो। कुछ लोग सिर्फ परिस्थिति को दोष देना जानते हैं। अगर उनके पास उपयुक्‍त स्‍त्रोत हो तो वह परिस्थिति को नहीं बदल सकते
सिर्फ वह ब्‍लेम करना जानते हैं लेकिन हमे ऐसा  नहीं बनना है। अगर आप चाहते हो कि परिस्थितियां बदले और आपको अगर उसके लिए उपयुक्‍त साधन मिल जाए तो आप अपना एक परसेंट योगदान तो दे ही सकते हैं और पूरा भरोसा है कि अगर  आपके साथ ऐसी कोई घटना घटित होती है आप अपना योगदान जरूर देंगे।
 
 
 

saving score / loading statistics ...