eng
competition

Text Practice Mode

High Court ki Taiyari

created Jan 19th 2023, 19:19 by 1998Raunak


0


Rating

340 words
2 completed
00:00
अपीलकर्ता-विश्‍वविद्यालय ने संयुक्त प्री-मेडिकल आयोजित किया टेस्‍ट यूपी में सात मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए। वर्ष 1982 के दौरान अपनाया गया परीक्षा का पैटर्न के अनुसार  बहुविकल्‍पीय वस्‍तुनिष्‍ठ प्रकार परीक्षण के रूप में जाना जाता है जिसमें एक पेपर जिसमें चार के साथ 100 प्रश्‍न होते हैं प्रत्‍येक प्रश्‍न के वैकल्पिक उत्‍तर प्रत्‍येक में निर्धारित किए गए थे परीक्षा के लिए निर्धारित चार विषय और उम्‍मीदवार चार में से सही उत्‍तर पर निशान लगाने के लिए कहा गया था विकल्प दिए। उत्‍तर-पुस्तिका का अंकन द्वारा किया गया था कम्‍प्‍यूटर द्वारा दिए गए कुंजी-उत्‍तरों को फीड किया गया था कागज बसाने वाले। जब विश्‍वविद्यालय ने कुंजी प्रकाशित की- परीक्षण के परिणाम के साथ उत्‍तर, उत्‍तरदाताओं जो परीक्षा में शामिल हुए थे और जिनका नाम नहीं आया था सफल उम्‍मीदवारों की सूची में दायर की रिट याचिकाएं यह तर्क देते हुए कि विश्‍वविद्यालय द्वारा प्रकाशित मुख्‍य उत्‍तर तीन प्रश्‍नों के संबंध में गलत थे, कि उतत्‍र उन तीन प्रश्‍नों के संबंध में उनके द्वारा चुना गया था सही है और यह कि यदि उनकी उत्‍तर-पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्‍यांकन किया गया था सही ढंग से वे हकदार होने के हकदार होंगे एम.बी.बी.एस. अवधि। हाई कोर्ट ने माना उनका तर्क और याचिकाओं को अनुमति दी। विश्‍वविद्यालय के लिए परिषद ने तर्क दिया कि कोई चुनौती नहीं एक कुंजी की शुद्धता के लिए बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए- उत्‍तर दें, जब तक कि इसके चेहरे पर, यह गलत नहीं है। अपीलों को खारिज करते हुए, आयोजित आम तौर पर, पेपर द्वारा प्रस्‍तु मुख्‍य उत्‍तर- सेंटर और विश्‍वविद्यालय द्वारा स्‍वीकार किए गए सही के रूप में, नहीं होना चाहिए चुनौती देने की अनुमति दी जाए। कुंजी-उत्‍तर होना चाहिए सही माना जाता है जब तक कि यह गलत साबित हो और यह की अनुमानित प्रक्रिया द्वारा गलत नहीं माना जाना चाहिए तर्क या युक्तिकरण की प्रक्रिया द्वारा लेकिन होना चाहिए स्‍पष्‍ट रूप से गलत होने का प्रदर्शन किया गया है, अर्थात यह होना चाहिए जैसे कि पुरुषों का कोई उचित निकाय नहीं जो अच्‍छी तरह से वाकिफ हों विशेष विषय को सही मानेंगे।   
  
 

saving score / loading statistics ...