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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jan 19th 2023, 05:31 by rajni shrivatri
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दंतपुर का राजा बहुत ही चालबाज था। उसका मंत्री बहुत ईमानदार और लोकप्रिय था। उसकी लोकप्रियता से राजा अंदर ही अंदर चिढ़ता था। एक दिन की बात थी जब राजा के पास जाकर मंत्री ने कहा- राजन! मेरे बेटे ने किसी के कार्य को करवाने के लिए घूस ली थी। मुझे जब पता लगा तो मैंने उसके पैसे वापस करते हुए घूस देने और लेने वालों को फटकार भी लगाई और चेतावनी भी दी। चूंकि यह घटना मंत्री के बेटे से संबंधित है इसलिए राजा के ध्यान में लाना मैंने आवश्यक समझा। आपका आदेश शिरोधार्य होगा।
चालबाज राजा ने मौके का लाभ उठाकर इस घटना को दूसरे दिन सभासदों के बीच में रखकर मंत्री को हटाने का निर्णय करा दिया। सभासदों के निर्णय के आधार पर राजा ने दूसरे को मंत्री बना दिया। नवनियुक्त मंत्री भी राजा की तरह चालबाज था। कुछ दिनों के बाद राजा के पुत्र ने एक युवती का अपहरण कर लिया। घटना की जानकारी जैसे ही मंत्री को मिली दूसरे दिन सभासदों के बीच में इस घटना का उल्लेख कर पूर्व निर्णय को आधार बनाते हुए राजा को हटाने का निर्णय करा लिया। फिर मंत्री स्वयं राजा बन गया और पूर्व में हटाए हुए मंत्री की ईमानदारी और लोकप्रियता को आधार बनाकर पून उन्हें मंत्री बना दिया। यह साबित कर दिया कि सच्चाई की सदैव जीत होती है।
चालबाज राजा ने मौके का लाभ उठाकर इस घटना को दूसरे दिन सभासदों के बीच में रखकर मंत्री को हटाने का निर्णय करा दिया। सभासदों के निर्णय के आधार पर राजा ने दूसरे को मंत्री बना दिया। नवनियुक्त मंत्री भी राजा की तरह चालबाज था। कुछ दिनों के बाद राजा के पुत्र ने एक युवती का अपहरण कर लिया। घटना की जानकारी जैसे ही मंत्री को मिली दूसरे दिन सभासदों के बीच में इस घटना का उल्लेख कर पूर्व निर्णय को आधार बनाते हुए राजा को हटाने का निर्णय करा लिया। फिर मंत्री स्वयं राजा बन गया और पूर्व में हटाए हुए मंत्री की ईमानदारी और लोकप्रियता को आधार बनाकर पून उन्हें मंत्री बना दिया। यह साबित कर दिया कि सच्चाई की सदैव जीत होती है।
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