eng
competition

Text Practice Mode

साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Jan 17th 2023, 06:24 by lucky shrivatri


2


Rating

558 words
0 completed
00:00
एक बार एक बहुत बड़ा नेता एक साधु के छोटे से आश्रम में गया। वह साधु के बारे में बहुत सुना था तो उसके मन में आया कि मैं एक बार जा करके देखता हूं कि लोग उसकी इतनी तारीफ क्‍यों करते हैं। जब वह उस आश्रम में गया तो वहां पर एक छोटा सा कमरा था जहां पर कालीन बिछा हुआ था, वहां पर कुछ लोग नीचे बैठे हुए थे और साधुजी सामने बैठे हुए थे कुछ सवाल-जवाब चल रहा था। वह नेता उस आश्रम में आया और उस नेता के साथ में चार बॉडीगार्ड भी थे और उसकी यह आदत थी की जहां पर भी वह जाता था लोग अपनी जगह से खड़े हों जाते थे और उसकी तरफ देखते थे हाथ जोड़ते थे और सर झुकाते थे। लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नहीं हुआ साधु व्‍यस्‍थ होने के कारण उसकी तरफ देखा तक नही तभी नेता को नेता को लगा कि यह मेरी बेज्‍जती है और वह इस बात से गुस्‍सा हो गया। नेता ने थोड़ा गुस्‍से से साधु की बात को बीच में काटते हुए कहा कि मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं साधु ने उसकी तरफ देखा और बोला आप थोड़ी देर रुकिए पहले मैं इनके सवाल का जवाब दे दूँ उसके बाद मैं आपसे बात करता हूँ तब तक आप अगर चाहे तो आप बैठे सकते हैं। बस साधु का इतना कहने की ही देरी थी नेता का चेहरा गुस्‍से से लाल हो गया और फिर उसने अपना सारा गुस्‍सा उस साधु पर निकाल दिया। अभी तक वह नेता बहुत तमीज से आप-आप कह करके बात कर रहा था लेकिन अब वह तू तड़ाक पर उतर आया। नेता ने साधु को कहा तुझे पता भी है मैं कौन हूं? और तू किससे बात कर रहा है? साधु ने उसकी तरफ देखा और कहा मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कौन हैं, लेकिन आप जो कोई भी है अगर आप चाहते हैं कि मैं आपके सवाल का जवाब दूं या आप से बात करूं तो आपको कुछ देर रुकना होगा और साधु की यह कहते हैं नेता गुस्‍से से पागल हो गया और वही सब के सामने चीखने-चिल्‍लाने लग गया। अब मैं तुझे असली औकात दिखाऊंगा, तूने मुझसे पंगा ले करके ठीक नहीं किया तुझे पता भी है मैं तेरे बारे  में क्‍या सोचता हूँ। साधु ने फिर से नेता की तरफ देखा और बड़े ही प्रेम से कहा कि मुझे इसके कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप मेरे बारे में क्‍या सोचते हैं आप जो चाहे वह मेरे बारे में सोच सकते है। फिर नेता ने उससे कहा की तू चाहे सुनना चाहता है या नहीं लेकिन मैं तुझे यही सब के समाने बताऊंगा कि मैं तेरे बारे में क्‍या सोचता हूं। तू कोई साधु नहीं है तू एक बहुत ही घटिया इंसान है तू एक ढोंगी है पाखंडी है और यहां पर जितने भी लोग बैठे हैं उन सबको बेवकूफ बना रहा है तेरा बस एक ही मकसद है इन लोगों की जेब में‍ जितना भी पैसा है वह सब तेरे पास में जाए। तू अपने फायदे के लिए इन लोगों का इस्‍तेमाल कर रहा है और अब मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला हूं। पूरी दुनिया के सामने तेरा पर्दाफाश करके रहूंगा। लेकिन उसके इतना बोलने के बाद भी हल्‍की सी मुस्‍कान उस साधु के चेहरे पर बनी ही रही। यह देखकर वह और भी तिलमिला गया।

saving score / loading statistics ...