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बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0
created Nov 28th 2022, 10:53 by sachin bansod
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आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 408 दंड प्रक्रिया संहिता जो सत्र प्रकरण क्रमांक 55/2020 अपराध क्रमांक 328/2020 को जिला न्यायालय में अंतरित किये जाने के संबंध में इस आशय का प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थिया आवेदिका पर जिन लोगों ने हमला किया था उनके विरुद्ध सत्र न्यायालय में सत्र प्रकरण क्रमांक 55/2020 लंबित है। आरोपीगण का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड हैं, आरोपीगण के परिवार के दो लोगों का एंकाउंटर पुलिस ने किया हैं। आरोपीगण आयदिन हत्या एवं हत्या के प्रयास, लूट एवं रंगदारी एवं जमीनों और मकानों पर अवैध कब्जें करने का कार्य करते हैं। प्रार्थिया अथवा आवेदिका एवं उसके परिवाद पर घटना के बाद भी दो से तीन बार डराने एवं समझाने की नीयत से पथराव एवं हमला कर चुके हैं, जिससे फरियादिया न्यायालय में उनके पक्ष में बयान दे सके।
प्रस्तुत मामले में प्रार्थिया अथवा आवेदिका माननीय न्यायालय ने अपने कथन देने कराने में असमर्थ है क्योंकि न्यायालय के बाहर या रास्ते में उसके साथ कोई गंभीर घटना हो सकती है। साक्ष्य हेतु फरियादिया को तीन अवसर प्राप्त हुए हैं परंतु जान के खतरे को देखते हुए फरियादिया अपने कथन प्रस्तुत करने में असमर्थ महसूस कर रही है। इसलिए जिला एवं सत्र न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में अंतरित किये जाने की प्रार्थना न्यायालय से की गई है। आवेदन पत्र के समर्थन में अभियोजन साक्षी 01 एवं अभियोजन साक्षी 02 को संयुक्त शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें व्यक्त किया गया है कि उनकी पैतृक जमीन शहर के बीचो-बीच रोड है तथा मकान भी रोड पर स्थित है। उक्त मकान एवं जमीन बहुत कीमती है उन्हें आधिपत्य करने के उद्देश्य से ये मनमानी कीमत लगाकर विवाद को अंजाम दिया जा रहा है। घटना के बाद वह कभी भी मौके पर नहीं गये। घटना के समय खेती के लिए आना-जाना होता था तब घटना घटित हुई। शपथ पत्र के साथ आधार कार्ड तथा मकान का विक्रय पत्र की छायाप्रति भी इस आशय से पेश की गई है कि शपथकर्तागण शहर में निवास कर रहे हैं। आवेदन पत्र के साथ पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत भी प्रस्तुत की गई है जो कि दिनांक 18.06.2020 की है।
आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 408 दंड प्रक्रिया संहिता जो सत्र प्रकरण क्रमांक 55/2020 अपराध क्रमांक 328/2020 को जिला न्यायालय में अंतरित किये जाने के संबंध में इस आशय का प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थिया अथवा आवेदिका पर जिन लोगों ने हमला किया था उनके विरुद्ध सत्र न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत है।
प्रस्तुत मामले में प्रार्थिया अथवा आवेदिका माननीय न्यायालय ने अपने कथन देने कराने में असमर्थ है क्योंकि न्यायालय के बाहर या रास्ते में उसके साथ कोई गंभीर घटना हो सकती है। साक्ष्य हेतु फरियादिया को तीन अवसर प्राप्त हुए हैं परंतु जान के खतरे को देखते हुए फरियादिया अपने कथन प्रस्तुत करने में असमर्थ महसूस कर रही है। इसलिए जिला एवं सत्र न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में अंतरित किये जाने की प्रार्थना न्यायालय से की गई है। आवेदन पत्र के समर्थन में अभियोजन साक्षी 01 एवं अभियोजन साक्षी 02 को संयुक्त शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें व्यक्त किया गया है कि उनकी पैतृक जमीन शहर के बीचो-बीच रोड है तथा मकान भी रोड पर स्थित है। उक्त मकान एवं जमीन बहुत कीमती है उन्हें आधिपत्य करने के उद्देश्य से ये मनमानी कीमत लगाकर विवाद को अंजाम दिया जा रहा है। घटना के बाद वह कभी भी मौके पर नहीं गये। घटना के समय खेती के लिए आना-जाना होता था तब घटना घटित हुई। शपथ पत्र के साथ आधार कार्ड तथा मकान का विक्रय पत्र की छायाप्रति भी इस आशय से पेश की गई है कि शपथकर्तागण शहर में निवास कर रहे हैं। आवेदन पत्र के साथ पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत भी प्रस्तुत की गई है जो कि दिनांक 18.06.2020 की है।
आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 408 दंड प्रक्रिया संहिता जो सत्र प्रकरण क्रमांक 55/2020 अपराध क्रमांक 328/2020 को जिला न्यायालय में अंतरित किये जाने के संबंध में इस आशय का प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थिया अथवा आवेदिका पर जिन लोगों ने हमला किया था उनके विरुद्ध सत्र न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत है।
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