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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ ||༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय✤|•༻
created Nov 26th 2022, 03:47 by typing guru
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प्राचीन काल में कश्मीर के राजा के तीन पुत्र थे। तीनों वीर और बुद्धिमान थे। राजा बूढ़ा हुआ तो राजपाट देने के लिए राजकुमारों की परीक्षा लेनी चाही। मंत्रियों से विचार विमर्श करके राजा ने तीनों राजकुमारों को धन देकर विदेश जाकर धन कमाने को कहा और कहा कि जो राजकुमार धन का सही सदुपयोग करेगा, वही राजा बनेगा।
बस फिर क्या था, तीनों राजकुमार एक जहाज पर बैठकर धन कमाने के लिए विदेश के लिए रवाना हो गए। काफी दूर जाने पर तीनों उतरकर अलग-अलग रास्तों पर चल दिए। चलते समय तीनों ने उसी स्थान पर वापस मिलने का वायदा किया। दो बड़े राजकुमार तो बड़े-बड़े शहरों में चले गये। लेकिन छोटे राजकुमार ने वहीं रहकर समुद्र की लहरों का आनंद देने की बात सोची। वहीं टहलते हुए उसे एक दिन साधु के दर्शन हुए। साधु के पूछने पर उसने सारा हाल साधु को कह सुनाया। साधु बोला, बेटा, इस तट पर अनाज का ढेर लगवा दे। प्रतिदिन कुछ हिस्सा समुद्र में फेंकता जा। सारा अनाज खत्म हो जाए तो देखना क्या फल मिलता है। लेकिन यही प्रतीक्षा करते रहना। इतना कहकर साधु न जाने कहां विलीन हो गया। छोटे राजकुमार ने साधु का कहना मानकर वहीं तंबू गाड़कर रहना शुरू कर दिया।
उसने ढेर सारा अनाज मंगवाकर समुद्र के किनारे एकत्र कर लिया। धीरे-धीरे करके उसने सारा अनाज समुद्र में फेंक दिया। एक दिन ऐसा आया कि राजकुमार के पास अनाज खरीदने के लिए एक फूटी कौड़ी भी नहीं बची। दुखी होकर वह सोचने लगा कि काश वह साधु की बात न मानता। उसका घर जाने का मन करने लगा। लेकिन फिर सोचा क्यों न साधु की बात मानकर देखा जाए। शायद कोई चमत्कार हो जाए।
उधर समुद्र में रोज-रोज अनाज मिलने से समुद्र की सारी मछलियां आने लगी थीं। उनके साथ उनका राजा भी आता था। जब राजकुमार ने अनाज फेंकना बंद कर दिया तो मछलियों के राजा ने अपनी प्रजा से कहा कि पिछले छह महीने से तो हमें आसानी से अनाज मिलता रहा लेकिन अब बंद क्यों हो गया। लगता है राजकुमार के पास धन खत्म हो गया है।
हां महाराज, यही लगता है, मछलियां बोल पड़ी। तो तुम लोग उसे समुद्र से मोती निकालकर क्यों नहीं देतीं। खैर अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। आज रात को हम सारी मछलियां एक एक मोती राजकुमार को दे आएंगी। रात होने पर मछलियों ने राजकुमार के तंबू के पास मोतियों का ढेर लगा दिया। पानी में आने जाने से एक विशेष प्रकार की सरसराहट से राजकुमार की नींद खुली तो उसने जब मोतियों का ढेर देखा तो उसे दुख होने लगा कि उसने अकारण ही मन में पता नहीं क्या-क्या सोच लिया था। अब उसने फिर से मछलियों को पहले से ज्यादा अनाज देना शुरू कर दिया।
बस फिर क्या था, तीनों राजकुमार एक जहाज पर बैठकर धन कमाने के लिए विदेश के लिए रवाना हो गए। काफी दूर जाने पर तीनों उतरकर अलग-अलग रास्तों पर चल दिए। चलते समय तीनों ने उसी स्थान पर वापस मिलने का वायदा किया। दो बड़े राजकुमार तो बड़े-बड़े शहरों में चले गये। लेकिन छोटे राजकुमार ने वहीं रहकर समुद्र की लहरों का आनंद देने की बात सोची। वहीं टहलते हुए उसे एक दिन साधु के दर्शन हुए। साधु के पूछने पर उसने सारा हाल साधु को कह सुनाया। साधु बोला, बेटा, इस तट पर अनाज का ढेर लगवा दे। प्रतिदिन कुछ हिस्सा समुद्र में फेंकता जा। सारा अनाज खत्म हो जाए तो देखना क्या फल मिलता है। लेकिन यही प्रतीक्षा करते रहना। इतना कहकर साधु न जाने कहां विलीन हो गया। छोटे राजकुमार ने साधु का कहना मानकर वहीं तंबू गाड़कर रहना शुरू कर दिया।
उसने ढेर सारा अनाज मंगवाकर समुद्र के किनारे एकत्र कर लिया। धीरे-धीरे करके उसने सारा अनाज समुद्र में फेंक दिया। एक दिन ऐसा आया कि राजकुमार के पास अनाज खरीदने के लिए एक फूटी कौड़ी भी नहीं बची। दुखी होकर वह सोचने लगा कि काश वह साधु की बात न मानता। उसका घर जाने का मन करने लगा। लेकिन फिर सोचा क्यों न साधु की बात मानकर देखा जाए। शायद कोई चमत्कार हो जाए।
उधर समुद्र में रोज-रोज अनाज मिलने से समुद्र की सारी मछलियां आने लगी थीं। उनके साथ उनका राजा भी आता था। जब राजकुमार ने अनाज फेंकना बंद कर दिया तो मछलियों के राजा ने अपनी प्रजा से कहा कि पिछले छह महीने से तो हमें आसानी से अनाज मिलता रहा लेकिन अब बंद क्यों हो गया। लगता है राजकुमार के पास धन खत्म हो गया है।
हां महाराज, यही लगता है, मछलियां बोल पड़ी। तो तुम लोग उसे समुद्र से मोती निकालकर क्यों नहीं देतीं। खैर अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। आज रात को हम सारी मछलियां एक एक मोती राजकुमार को दे आएंगी। रात होने पर मछलियों ने राजकुमार के तंबू के पास मोतियों का ढेर लगा दिया। पानी में आने जाने से एक विशेष प्रकार की सरसराहट से राजकुमार की नींद खुली तो उसने जब मोतियों का ढेर देखा तो उसे दुख होने लगा कि उसने अकारण ही मन में पता नहीं क्या-क्या सोच लिया था। अब उसने फिर से मछलियों को पहले से ज्यादा अनाज देना शुरू कर दिया।
