Text Practice Mode
राज टाईपिंग क्लासेस साऊथ सिविल लाईन, जबलपुर 9589202412
created Nov 23rd 2022, 12:16 by KRISHNA PRAJAPATI
2
391 words
48 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
saving score / loading statistics ...
00:00
दोषसिद्धि व्यक्ति द्वारा की गई अपील के लंबित रहने तक निलंबित किया जाये और यदि वह व्यक्ति परिरोध में है तो यह भी आदेश दे सकता है कि उसे जमानत पर रिहा उसके अपने बंधपत्र पर छोड़ दिया जाये परन्तु अपील न्यायालय ऐसे दोषसिद्धि व्यक्ति को, जो मृत्यु या आजीवन कारावास या दण्ड वर्ष से अधिक अवधि के कारावास से दण्डनीय किसी अपराध के लिये दोषसिद्ध किया गया है, जमानत पर उसके अपने बंधपत्र पर छोड़ने से पूर्व लोक अभियोजक को ऐसे छोड़ने के कारण दर्शाने का अवसर देगा। परन्तु यह और कि ऐसे मामलों में जहां किसी दोषसिद्ध व्यक्ति को जमानत पर छोड़ा जाता है वहां लोक अभियोजक जमानत रद्द किये जाने के लिये आवेदन फाइल कर सकेगा। अपील न्यायालय को इस धारा द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग उच्च न्यायालय के किसी के निष्कर्ष जो किसी दोषसिद्ध व्यक्ति के द्वारा की गई जहां दोषसिद्ध व्यक्ति ऐसे न्यायालय तक जिसके द्वारा वह दोषसिद्ध किया गया है यह समाधान कर देता है कि वह अपील प्रस्तुत करना चाहता है वहां वे न्यायालय उस दशा में जब ऐसा व्यक्ति जमानत पर छोड़ते हुये, तीन वर्ष से अनाधिक की अवधि के लिये कारावास से दण्डादिष्ट किया गया है, यह उस दशा में जब वह अपराध जिसके लिये ऐसा व्यक्ति दोषसिद्ध किया गया है, जमानतीय है और वह जमानत पर रिहा होने का यह आदेश देगा कि दोषसिद्ध व्यक्ति को उतनी अवधि के लिये जितने से अपील प्रस्तुत करने और उपधारा 1 के अधीन अपील न्यायालय के आदेश प्राप्त करने के लिये पर्याप्त समय मिल जायेगा जमानत पर छोड़ दिया जाये जब तक कि जमानत से इंकार करने के विशेष कारण न हो और जब तक वह जमानत पर छूटा रहता है दण्डादेश निलंबित समझा जायेगा। अपीलार्थी को किसी अन्य के कारावास या आजीवन कारावास का दण्डादेश दिया जाता है, तब वह समय जिसके दौरान वह ऐसे छूटे रहता है उस अवधि के संगणना करने में, जिसके लिये उसे ऐसा दण्डादेश दिया गया है, हिसाब में नहीं लिया जायेगा। दोषमुक्ति से अपील में अभियुक्ति की गिरफ्तारी से धारा 3 के अन्तर्गत अपील प्रस्तुत की जाती है तो उच्च न्यायालय वारण्ट जारी कर सकता है जिसमें यह निर्देश कर सकता है कि अभियुक्त गिरफ्तारी किया जाये किसी अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष लाया जाये और वह न्यायालय जिसके समक्ष समस्त अभियुक्तों को लाया जाता है अपील का निपटारा होने तक उसे न्यायालय को सुपुर्द कर सकता है।
