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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट छिन्दवाड़ा म0प्र0 CPCT, DCA, PGDCA, TALLY प्रवेश प्रारंभ मो.नं.8982805777
created Sep 28th 2022, 09:50 by neetu bhannare
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न्यायालय में न्यायाधीश प्रथम श्रेणी अशोकनगर द्वारा दांडिक प्रकरण 825 थाना गोपालपुर विरूद्ध विरेंद्र व एक अन्य ने पारित आदेश दिनांक में धारा 451, 457 दंड प्रक्रिया संहिता के आवेदन पत्र विचारण न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुए को लाख रूपये की बैंक गारंटी पेश किए जाने पर से परिवादित होकर यह पुनरीक्षक याचिका अंतर्गत धारा 397 दंड प्रक्रिया संहिता प्रस्तुत की गई है। इस पुनरीक्षण में पुनरीक्षणकर्ता को आगे प्रार्थी संबाधित किया जावेगा व प्रतिपुनरीक्षकर्ता को प्रतिप्रार्थी से संबोधित किया जावेगा। इन तथ्यों पर कोई विवाह नहीं है कि प्रकरण की विवेचना के दौरान ट्रेक्टर जब्त किया गया है। प्रार्थी के पुनरीक्षण के आधार इस प्रकार है कि प्रकरण में उसके आधिपत्स व स्वामित्व का जो ट्रेटकर सफेद रंग का जिसका पंजीयन जिला परिवहन कार्यालय में हो चुका है वह जब्त किया गया है और जिसका वह एकमात्र स्वामी होने से सुपुर्दगी पर लेने का हकदार है। उक्त जब्तशुदा ट्रेक्टर थाना गोपालपुर में खुले असुरक्षित स्थान पर रखा हुआ है जिससे उसके खराब होने की संभावना है व उसे खेती-किसानी का नुकसान हो रहा है। प्रकरण में अनुसंधान पूर्ण होकर 13 साक्षियों के कथन हो चुके हैं व आहतगण की ओर से राजीनामा प्रस्तुत किया जा चुका है। विचारण न्यायालय के समक्ष उसने उक्त वाहन को सुपुदर्गी पर लेने हेतु एक प्रकरण आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 451, 457 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रस्तुत किया था, जिसे विचारण न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुए दो लाख रूपये की बैंक गारंटी मांगकर कानूनी रूप से गंभीर भूल की है। विचारण न्यायलालय ने जब्शुदा ट्रेटकर के निराकरण पर विक्रय न करने का आदेश दिया है ऐसी स्थिति में जब्तशुदा ट्रेटक्र न्यायालय में ही बतौर सुपुर्दगी बंधक है। आवेदक किसान होकर उसकी अशोकनगर में चल-अचल संपत्ति स्थित है उससे नकद रूपये जमा कराए जाना न्यायोचित नही है। इन महत्वूर्ण तथ्यों पर विचारण न्यायालय ने विचार न कर भूल की है। निगरानी स्वीकार कर विचारण न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश दिनांक से दो लाख रूपये की बैंक गारंटी या सुरक्षा के रूप में सावधि जमा तक आ आदेश विलोपित किए जाने का आदेश प्रदान किए जाने का निवेदन किया गया है। सभी आहतगण और प्रकरण के फरियादियों ने आरोपी से राजीनामा कर लिया है राजीनामा के आधार पर आरोपी को धारा 337 भारतीय दंड विधान के आरोप से दोषमूक्त किया जा चुका है व धारा 279 वह धारा 180 मोटर यान अधिनियम के तहत प्रकरण गतिशील है। ट्रेक्टर जिस अपराध में जब्त किाय गया है वह सही है।
