Text Practice Mode
बंसोड टायपिंग इन्स्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0
created Sep 28th 2022, 04:59 by sachin bansod
1
148 words
16 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
एक खरगोश को अपनी चाल पर बड़ा घमंड था। एक दिन उसने एक कछुए को धीमी गति से चलते देखा। खरगोश कछुए का मजाक उड़ाने लगा। इस पर कछुआ बड़ा नाराज हुआ। गुस्से में कछुए ने खरगोश को दौड़ के लिए चुनौती दे डाली। उन दोनों ने एक पेड़ को जीतस्थल निर्धारित किया। दौड़ शुरू हुई। चंद क्षणों में खरगोश आंखों से ओझल हो गया। वह जीत के प्रति आश्वस्त था। खरगोश ने सोचा कि कछुआ बहुत पीछे है, अतः मैं थोड़ी देर आराम कर लूं। इसलिए वह एक पेड़ के नीचे सो गया। कछुआ अपने मंद गति से चलता रहा। सोए हुए खरगोश को वह पार कर गया। जब कछुआ लक्ष्य तक पहुँचने वाला था, तो खरगोश की नींद खुली। वह तेज भागा लेकिन जीतस्थल तक कछुआ पहले ही पहुँच चुका था। खरगोश दौड़ में हार गया धीमे परन्तु नियमित काम करने वालों की विजय होती है।
saving score / loading statistics ...